दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई, क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए. शुक्रवार सुबह घने कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट के 29 अक्टूबर के उस फैसले के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने पश्चिम बंगाल में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और ख़रीद पर प्रतिबंध लगा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम किसी विशेष त्योहार या उत्सव के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन हम उत्सव की आड़ में दूसरों को जीवन के अधिकार के साथ खेलने की अनुमति नहीं दे सकते. हमने पटाखों पर 100 प्रतिशत रोक नहीं लगाई है. हर कोई जानता है कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों पर क्या बीत रही है.
सीबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माण कारखानों से पटाखों और कच्चे माल के विभिन्न नमूने एकत्र कर उनका विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया है कि कई पटाखों में बेरियम और बेरियम सॉल्ट पाए गए हैं. 2019 में रसायन पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद निर्माताओं द्वारा भारी मात्रा में बेरियम/बेरियम सॉल्ट ख़रीदे गए हैं. अदालत ने कहा कि वह ऐसे निर्माताओं का लाइसेंस भी रद्द कर देगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2005 के बाद पहली बार अपने नए वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि हर साल वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से 70 लाख लोगों की अकाल मृत्यु होने और लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने का अनुमान है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के बाद प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, जिससे व्यापारियों को नुकसान हुआ था. सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें.
शिकागो विश्वविद्यालय के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 2019 का प्रदूषण स्तर बना रहता है तो उत्तर भारत के निवासी जीवन प्रत्याशा के नौ साल से अधिक खोने की राह पर हैं क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया में वायु प्रदूषण के सबसे चरम स्तर का सामना करता है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इलाहाबाद में 2019 कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रबंधन में कई खामियां पाई हैं. इनमें ठोस कचरे के खराब निपटान से लेकर भीड़ प्रबंधन में खामी और मुहैया कराए धन के उपयोग में विसंगतियां शामिल हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुंभ मेले में प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए 32.5 लाख रुपये के ड्रोन कैमरों का उपयोग नहीं किया गया और वे निष्क्रिय रहे.
हरियाणा के सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध स्कूलों के संघ हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस ने अपनी याचिका में एनजीटी के आदेशों में संशोधन करने का अनुरोध किया गया था. एनजीटी ने साल 2015 में दस साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया था.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर चीनी मिलों के कारण अत्यधिक वायु प्रदूषण होने की वजह से पर्यावरण का अनियंत्रित क्षरण होने के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसके समाधान के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है.
स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ की ‘वर्ल्ड एयर क्वॉलिटी रिपोर्ट 2020' के मुताबिक दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है. दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर चीन का शिंजियांग है. उसके बाद शीर्ष 10 में से 9 शहर भारत के हैं. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा. सफ़दरजंग में दृश्यता गिरकर 50 मीटर और पालम में 250 मीटर रह गई थी. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 331 रहा.
लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ जर्नल में स्टेट लेवल डिसीज़ बर्डेन इनिशिएटिव के 'वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर असर' शीर्षक से प्रकाशित हुए पेपर के अनुसार घरों के भीतर वायु प्रदूषण कम होने की वजह से बीमारियों का ग्राफ गिरा है, वहीं बाहरी वायु प्रदूषण के चलते बीमारियों का भार बढ़ा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक हवा की गति और धीमी पड़ने का अनुमान है, इसलिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता के अगले दो दिन में और ख़राब होने तथा ‘ख़राब’ से ‘अत्यंत ख़राब’ के बीच बनी रहने की आशंका है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों के चिकित्सकों ने चिंता ज़ाहिर की है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 से रोज़ाना 100 से अधिक मौतें हुई हैं. नई दिल्ली: विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 मरीजों को अस्पताल में देर से भर्ती करने के कारण उनकी हालत गंभीर होने, आईसीयू बिस्तरों की कमी, प्रतिकूल मौसम और बढ़ता प्रदूषण दिल्ली में कोरोना वायरस संबंधी मौत के मामलों में वृद्धि के मुख्य