इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त रिकॉर्ड बताते हैं कि 2019 में वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने देश के छह हवाई अड्डों की बोली प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई थी कि एक ही कंपनी को छह हवाई अड्डे नहीं दिए जाने चाहिए.
केरल सरकार ने कहा है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. इसी साल 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुरम सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी.
भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियां- इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तारा हैं, जिन पर एक अगस्त तक एएआई का कुल 2,562.04 करोड़ रुपये बकाया है. यह एक फरवरी के स्तर से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.
इस अधिग्रहण के साथ अडाणी समूह देश का सबसे बड़ा निजी हवाईअड्डा परिचालक हो जाएगा. अडाणी समूह और मुंबई हवाईअड्डे के मौजूदा संचालक जीवीके समूह के बीच यह सौदा ऐसे समय में हुआ है, जब पिछले महीने सीबीआई ने जीवीके समूह पर 705 करोड़ रुपये के कोष की गड़बड़ी का आरोप लगाया था.
बीते 19 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तिरुवनंतपुर सहित तीन हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को सौंपने को मंज़ूरी दे दी थी. केरल सरकार ने 20 अगस्त को सर्वदलीय बैठक में इस फैसले का विरोध किया और हाईकोर्ट में केंद्र को फैसले को चुनौती दी है.
बीते साल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 50 सालों के लिए अडाणी समूह को देने के नागरिक विमानन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी. इस बार जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों की ज़िम्मेदारी इस समूह को दी गई है.
इस साल फरवरी में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश के छह हवाई अड्डों के संचालन का ठेका 50 साल के लिए अडाणी समूह को मिला था.
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल नवंबर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा परिचालित किए जाने वाले छह हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाने की अनुमति दी थी.
तिरुवनंतपुरम समेत अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी और मेंगलुरु हवाई अड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत पट्टे पर दिए जाने के फैसले पर केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र चरणबद्ध तरीके से नागर विमानन क्षेत्र के निजीकरण की कोशिश में लगी है.