गांधी शांति पुरस्कार: ‘गीता प्रेस हमेशा आरएसएस-भाजपा के साथ खड़ी रही है’

वीडियो: बीते दिनों गोरखपुर की गीता प्रेस को केंद्र सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी. कांग्रेस ने इसे 'सावरकर को पुरस्कृत करने जैसा बताया था. इस बारे में गीता प्रेस का वृहद इतिहास लिखने वाले लेखक अक्षय मुकुल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार गांधी और पुरस्कार दोनों को कमतर करने की कोशिश है

आधुनिक भारत में हिंदू धर्म के संबंध में गांधी जो करने की कोशिश कर रहे थे, गीता प्रेस उसके ठीक उलट लड़ाई लड़ रही थी और लड़ रही है.

निर्मल वर्मा: साहित्य में एक जीवन

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: विनीत गिल की किताब निर्मल जीवन और लेखन का सूक्ष्म-सजग-संवेदनशील पाठ है. हर बखान या विवेचन, हर खोज या स्थापना के लिए प्राथमिक और निर्णायक साक्ष्य उनका लेखन है.

अज्ञेय: वो विद्रोही लेखक, जिसने साहित्य और जीवन दोनों ही में परंपराओं को तोड़ा

पुस्तक समीक्षा: हिंदी कविता और नई कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर रहे अज्ञेय की अक्षय मुकुल द्वारा लिखी जीवनी ‘राइटर, रेबेल, सोल्‍जर, लवर: द मैनी लाइव्ज़ ऑफ अज्ञेय’ उनके जीवन के अनगिनत पहलुओं को तो उभारती ही है, साथ ही 1925 से 1980 के भारत के राजनीतिक-सामाजिक इतिहास का भी दस्तावेज़ बन जाती है.

अज्ञेय: ‘लेखक, विद्रोही, सैनिक, प्रेमी’

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अज्ञेय के लिए स्वतंत्रता और स्वाभिमान ऐसे मूल्य थे जिन पर उन्होंने कभी समझौता नहीं किया. अक्षय मुकुल की लिखी उनकी जीवनी इस धारणा का सत्यापन करती है.