मीडिया बोल की 48वीं कड़ी में उर्मिलेश अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद और उसकी मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी और प्रोफेसर सलिल मिश्रा से चर्चा कर रहे हैं.
भारतीय राजनीति में जिन्ना के बरक्स अगर किसी दूसरे व्यक्तित्व को खड़ा किया जा सकता है तो वो हैं वीर सावरकर. संयोग नहीं है कि अपनी ज़िंदगी के पहले हिस्से की उपलब्धियों को अपनी बाद की ज़िंदगी में धो डालने वाले यह दोनों नेता विभाजन के द्विराष्ट्र सिद्धांत के पैरोकार थे.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद का कहना है कि सरकार की तरह एएमयू इतिहास को अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने में विश्वास नहीं रखता.
कांग्रेस शासन के दौरान हुए बाबरी विध्वंस और मुस्लिम विरोधी दंगों को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने यह बयान दिया.
रज़ा साहब ने समय की कमी के कारण पहले संवाद लिखने से मना कर दिया था.
यूजीसी के एक पैनल ने सुझाव दिया है कि हिंदू और मुस्लिम शब्द इन विश्वविद्यालयों की धर्मनिरपेक्ष छवि को नहीं दिखाते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंदुओं पर रोज़ा थोपने की बात झूठी है, लेकिन यह झूठ ही चैनल के करोड़ों दर्शकों के लिए असली सच है. एएमयू के हिंदू छात्र लाख खंडन करते फिरें, संदेश यही जाएगा कि वे किसी दबाव में ऐसा कर रहे हैं.
अदालत ने कहा, अधिकारियों ने आरोपी पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी नहीं ली और आरोप-पत्र दायर कर गुलज़ार की भौतिक आज़ादी का उल्लंघन किया.