इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर द्वारा दायर याचिका पर दिया, जिसमें विभिन्न आधार पर सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग की गई थी.
प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 2018 का एक सरकारी आदेश है, ध्वनि डेसिबल की तय सीमा और अदालत के निर्देशों के लिए निर्धारित नियम हैं. ज़िलों को अब सख़्ती से इसका अमल करने का निर्देश दिया गया है. बीते हफ्ते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा की आज़ादी है, लेकिन लाउडस्पीकर की आवाज़ परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए.
आरोप है कि अक्टूबर 2021 में टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान से भारत के हारने पर आगरा में पढ़ रहे तीन कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी की थी. उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह, साइबर आतंकवाद और सामाजिक द्वेष फैलाने की धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था. तब से वे जेल में बंद थे. 30 मार्च को उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन कोई ज़मानतदाता न मिलने के चलते वे रिहा नहीं हो पा रहे थे.
पिछले साल तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई ज़मानत 18 अप्रैल को को रद्द कर दी थी और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी 13 फरवरी 2020 से लापता थे. उसी रात उन्हें आखिरी बार एक पुलिस थाने में देखा गया था. तीन दिन बाद एक अन्य थाना क्षेत्र की झील में एक लावारिस शव मिला, जिसका पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया. पिता ने जब छात्र के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं की. हाईकोर्ट के आदेश पर अपराध शाखा ने जांच की, तब पिता को बेटे
हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के हक़ में महत्वपूर्ण फ़ैसला देते हुए कहा है कि तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाओं को भी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पति से गुज़ारा-भत्ता पाने का अधिकार है और वे इद्दत की अवधि के बाद भी इसे प्राप्त कर सकती हैं. हालांकि यह हक़ उन्हें तब ही तक है, जब तक वे दूसरी शादी नहीं करतीं.
साल 2005 में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी. जनवरी 2021 में विश्वविद्यालय को दी गई 12.5 एकड़ से अधिक की ज़मीन वापस लेने का आदेश पारित किया था.
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को गिरफ़्तार किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 10 फरवरी को उन्हें ज़मानत दे दी थी.
एक 24 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ और अन्य के ख़िलाफ़ लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया थाना में एफ़आईआर दर्ज की गई है. केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी हैं.
किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल एफ़आईआर पर ग़ौर किया.
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम-केयर्स फंड के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से इसका ऑडिट कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के 31 अगस्त, 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जनता के पैसे की अकल्पनीय और अथाह राशि कोष के ख़जाने में हर रोज़ बेरोकटोक डाली जाती है.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह द्वारा साल 2014 लोकसभा चुनावों के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करने के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने के अनुरोध को खारिज़ करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल का चुनावी घोषणा पत्र, उसकी नीति, विचार, वादे का वक्तव्य होता है, जिसे क़ानून के ज़रिये लागू नहीं कराया जा सकता.
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर सीट से प्रत्याशी आज़म ख़ान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में ज़मानत दे दी है, लेकिन दो अन्य लंबित मामलों के चलते उन्हें जेल में ही रहना होगा. फरवरी 2020 से जेल में बंद ख़ान के ख़िलाफ़ कुल 87 आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें से 81 केस साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले या बाद में दर्ज हुए थे.
यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.