नीमका: इक्कीसवीं सदी में उत्तर भारत के गांवों के समाजशास्त्र का एक नमूना

आंबेडकर गांवों को भारतीय गणतंत्र की 'इकाई' मानने से इनकार करते हैं, क्योंकि उनके अनुसार गांव में सिर्फ एक समान ग्रामीण नहीं रहते बल्कि 'अछूतों' का 'छूतों' से विभाजन साफ दिखाई देता है. ग्रेटर नोएडा में भारत सरकार द्वारा 'आदर्श गांव' घोषित नीमका में 18 अप्रैल को आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के बाद दलित समुदाय पर लगे आरोपों में यही विभाजन स्पष्ट नज़र आता है.

बाबासाहेब की मूर्तियों से मोह और विचारों से द्रोह का सिलसिला कहां ले जाएगा?

आज बाबासाहेब की शिक्षा, संदेश व विचारों के बजाय मूर्तियां अहम हो चली हैं. ये मूर्तियां चीख सकतीं तो उन पर तो ज़रूर चीखतीं, जो बाबासाहेब की जयंती व निर्वाण दिवस पर साल में दो दिन उन पर फूलमाला अर्पित कर उनकी विरासत के प्रति अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेते हैं.

कर्नाटक: ‘जातिवादी और असंवेदनशील’ नाटक के लिए प्रिंसिपल समेत नौ लोग गिरफ़्तार

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित जैन विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज़ में हुए इस नाटक के बाद कई राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों ने विरोध किया. उनका मानना था कि यह जातिवादी था और कथित रूप से इसमें बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया गया था. इन लोगों ने कक्षाओं में संवेदनशीलता बढ़ाने की मांग की.

क्यों फिर से उभर रही है राजस्थान हाईकोर्ट से मनु की मूर्ति हटाने की मांग

मूर्ति या चित्र किसी का भी हो, यह सिर्फ प्रतिमा या तस्वीर मात्र न होकर किसी ख़ास विचारधारा का प्रतिनिधित्व भी होता है. मनु की मूर्ति भी एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है, जो दलितों, महिलाओं और संविधान के ख़िलाफ़ है.

भाजपा से ज़्यादा हिंदुत्ववादी होकर क्या पाएगी आम आदमी पार्टी

कई जानकार कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के नोट-राग ने ज़रूरी मुद्दों व जवाबदेहियों से देशवासियों का ध्यान भटकाकर लाभ उठाने में भाजपा की बड़ी मदद की है. ये जानकार सही सिद्ध हुए तो केजरीवाल की पार्टी की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली भी हो सकती है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सिर्फ भाषा बदली है, विचार नहीं

बीते कुछ दिनों से आरएसएस नेताओं की भाषा बदली दिख रही है लेकिन बदलाव संघ के एजेंडा पर कभी रहा नहीं है. यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि संघ ने ‘अराजनीतिक होने की राजनीति’ करते हुए अपने स्वयंसेवकों को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया है और कैसे वे लोकतंत्र व संविधान के गुणों व मूल्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश: बसपा की भाजपा से हिंदुत्व का एजेंडा छीनने की कोशिशें क्या रंग लाएंगी

जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.

बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए जातिवादी व्यवस्था के विरुद्ध मुहिम तेज़ करनी होगी

कोई भी राजनीतिक दल जाति व्यवस्था के अंत का बीड़ा नहीं उठाना चाहता है, न ही कोई सामाजिक आंदोलन इस दिशा में अग्रसर है. बल्कि, जाति आधारित संघों का विस्तार तेज़ी से हो रहा है. यह राष्ट्र एवं समाज के लिए एक घातक संकेत है.

आंबेडकर ने संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाने का प्रस्ताव दिया था: प्रधान न्यायाधीश बोबडे

देश के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा ​है कि आंबेडकर की राय थी कि चूंकि उत्तर भारत में तमिल स्वीकार्य नहीं होगी और इसका विरोध हो सकता है जैसे कि दक्षिण भारत में हिंदी का विरोध होता है. लेकिन उत्तर भारत या दक्षिण भारत में संस्कृत का विरोध होने की कम आशंका थी और यही कारण है कि उन्होंने ऐसा प्रस्ताव दिया किंतु इस पर कामयाबी नहीं मिली

बंधुत्व के बिना स्वतंत्रता और समानता हासिल करना असंभव है

जाति एक ऐसी बाधा है जो एक समाज का निर्माण नहीं होने देती. राष्ट्र बनकर भी नहीं बन पाता क्योंकि हम एक दूसरे के प्रति उत्तरदायी नहीं होते. एकजुटता या बंधुत्व के अभाव में सामाजिक संपदा का निर्माण भी नहीं हो पाता.

यूपी: ‘मैंने जो कहा उसके लिए सरकार मुझे जेल भेज दे, लेकिन स्कूल से दुश्मनी न निकाले’

23 मार्च को गोरखपुर के बांसगांव के भीमराव आंबेडकर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक दीपक कुमार कन्नौजिया ने एक वीडियो में कोरोना के मद्देनज़र स्कूल बंद करने के चलते होने वाली परेशानियों का हवाला देते हुए सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए थे. अब इसी वीडियो के चलते उनके स्कूल की मान्यता रद्द की जा रही है.

यूपी: दबंगों के डर से दो महीने से छिपकर रह रहे हैं आंबेडकर के विचारों पर गीत गाने वाले दंपति

ग़ाज़ीपुर ज़िले के विशाल ग़ाज़ीपुरी और उनकी पत्नी सपना दलित व बहुजन विचारकों की शिक्षाओं को गीत के माध्यम से पेश करते हैं. बीते अक्टूबर में इन गीतों से नाराज़ क्षेत्र के कुछ दबंगों ने उनके स्टूडियो में आगज़नी की और जान से मारने की धमकी दी. पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बावजूद विशाल परिवार समेत छिपकर रहने को मजबूर हैं.

भारत के अधिकतर नोबेल पुरस्कार विजेता ब्राह्मण हैंः गुजरात विधानसभा स्पीकर

गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि भारत के संविधान का मसौदा बनाने वाले और उसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को सौंपने वाले बीएन राउ भी ब्राह्मण थे. इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद थे.

मोदी ख़ुद को आंबेडकर का ‘शिष्य’ बताते हैं, लेकिन मनु पर दोनों के नज़रिये में फ़र्क़ दिखता है

पुस्तक अंश: मोदीनामा किताब का पांचवां अध्याय ‘मनु का सम्मोहन’ बताता है कि भारत के संविधान के ऐलान को डाॅ. आंबेडकर ने मनु के शासन की समाप्ति कहा था, बावजूद इसके मनु की वापसी हो रही है.