आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना उनकी सरकार को गिराने की साज़िश कर रहे हैं.
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर न्यायपालिका पर की गईं टिप्पणियों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अप्रैल से ही उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा जजों के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. यह दर्शाता है कि न्यायपालिका के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी गई है.
मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सीजेआई एसए बोबड़े को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर भ्रष्टाचार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की ओर से उनकी सरकार गिराने की साज़िश रचने के आरोप लगाए हैं. जगन का यह भी आरोप है कि जस्टिस रमन्ना राज्य की न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का यह आदेश भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो द्वारा एक पूर्व क़ानून अधिकारी और अन्य आरोपियों पर दर्ज एफआईआर के संदर्भ में है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ब्यूरो उनके ख़िलाफ़ ग़लत इरादे से काम कर रहा है और पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने के साथ मीडिया ट्रायल में बदला जा रहा है.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन के रोके गए हिस्से को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करे. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने अपने कर्मचारियों के मार्च और अप्रैल माह के वेतन और पेशन के 50 प्रतिशत हिस्से पर रोक लगा दी थी.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पैदल अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर वह मजदूरों की मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर आदेश जारी नहीं करती है, तो उसकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा.