1 जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र में पुणे के भीमा कोरेगांव इलाके में हुई हिंसा के बाद दलित राजनीतिक कार्यकर्ता अनीता सावले ने संभाजी भिड़े और एक अन्य हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे के नाम एक एफ़आईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.
2018 में भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोगों पर हिंसक भीड़ के हमले के एक दिन बाद एक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कर हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े पर इस हमले के साज़िशकर्ता होने का आरोप लगाया था. घटना के क़रीब तीन साल बाद उन्हें इस मामले की सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं दिखती.