मुसलमानों का अपने लिए आवाज़ उठाना नागरिक भाव को सक्रिय कर रहा है

भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रहे अन्याय के प्रति ग़ैर-मुसलमान भी बोल रहे हैं, लेकिन इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए कि मुसलमानों को अपने अधिकार के लिए या अपने ऊपर हुए अन्याय के ख़िलाफ़ अकेले आवाज़ नहीं उठानी चाहिए.

असम: अखिल गोगोई को जिस केस में एनआईए कोर्ट ने बरी किया, उसी में उन पर यूएपीए के तहत आरोप तय

असम के शिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के ख़िलाफ़ यह मामला 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए आंदोलन से जुड़ा है. यह राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उनके खिलाफ दर्ज उन दो मामलों में से एक है, जो हिंसक हो गया था.

न्याय में देरी सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन: सीजेएआर

कैंपेन फॉर ज्युडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह बहुत निराशाजनक है कि अदालतों में ज़मानत के मामलों को बग़ैर फैसला सुनाए दो साल से अधिक समय तक लंबित रखा जा रहा है.

दिल्ली दंगा: शरजील इमाम, अन्य की ज़मानत याचिका पर सुनवाई से हाईकोर्ट जज ने ख़ुद को अलग किया

वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों के कथित षड्यंत्र से जुड़े मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कॉलर शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि मामले को ऐसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए जिसके सदस्य जस्टिस शर्मा न हों.

राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को दिल्ली हाईकोर्ट से ज़मानत मिली

आईआईटी से स्नातक करने के बाद जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. दिल्ली हाईकोर्ट से राजद्रोह के एक मामले में मिली ज़मानत के बावजूद वे जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन पर दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगे हैं.

सीएए नियमों के तहत आवेदनों का रिकॉर्ड बनाए रखने का कोई प्रावधान नहीं: गृह मंत्रालय

एक आरटीआई आवेदन पर गृह मंत्रालय ने यह जवाब दिया है. आवेदन में सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी.

सीएए के ज़रिये संविधान में समानता के विचार को ख़त्म किया गया है: पिनाराई विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से शरजील इमाम की ज़मानत पर अगले महीने तक फैसला करने को कहा

छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से जेल में हैं और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा 13 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है. वह अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सज़ा की आधी से अधिक काट चुके हैं और प्रावधान के तहत ज़मानत के हक़दार हैं.

जेल में शरजील इमाम के चार साल: न दोषसिद्धि, न एक्टिविस्टों का साथ

आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.

‘15 दिसंबर जामिया के लिए ऐसा दाग़ है जो कभी मिटाया नहीं जा सकता’

15 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में पत्थरबाज़ी का हवाला देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को पीटा था. इस हिंसा के चार साल पूरे होने पर जामिया के छात्र-छात्राओं ने 'जामिया प्रतिरोध दिवस' मनाते हुए परिसर में मार्च निकाला.

दिल्ली दंगा: नए आरोपों और कई बार ज़मानत ख़ारिज होने के बीच तीन साल से जेल में बंद हैं गुलफ़िशा

वर्ष 2020 की शुरुआत में पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफ़राबाद में हुए दंगों के दौरान हुई झड़पों में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन साल पहले 9 अप्रैल को गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया था. 13 मई 2020 को जब मामले में उन्हें ज़मानत मिल गई तो उन पर एक नई एफआईआर दर्ज कर ली गई.

जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम और अन्य को बरी करने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया

बीते 4 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी के जामिया नगर हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफ़ूरा जरगर और आसिफ़ इक़बाल तनहा सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त करते हुए कहा था कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही, इसलिए उसने इन आरोपियों को बलि का बकरा बना दिया.

असम: सीएए विरोधी प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अखिल गोगोई की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

असम के सिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के 9 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसमें राज्य की एक विशेष एनआईए अदालत को दो मामलों में से एक में आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी.

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के ख़िलाफ़ आरोप तय करने की अनुमति दी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एनआईए को असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों पर सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों के सिलसिले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2021 में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था, जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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