वीडियो: भारत सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध 11 दिसंबर 2019 से दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से शुरू हुआ था. इस क़ानून के पारित किए जाने और उसके विरोध के एक वर्ष पूरे होने पर आंदोलन की प्रासंगिकता और महत्व पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद का नज़रिया.
वीडियो: बीते साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राएं विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में 26 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था. उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मद्रास हाईकोर्ट की पीठ सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन कर दो व्यक्तियों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने इसे लेकर अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को ख़ारिज करने की मांग की थी.
ठाकुरगंज के रहने वाले 16 साल के हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था. हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था.
इस साल मार्च महीने में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ प्रशासन के इस क़दम पर सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे. अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाना अनुचित है और यह संबंधित लोगों की व्यक्तिगत आज़ादी में पूरी तरह से दख़लअंदाज़ी है.
पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता को दिल्ली दंगों के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था. सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी.
दिल्ली पुलिस ने दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया था, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई थी. पिछले दिनों अदालत में दाख़िल पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई थी.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिल्ली दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया है, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई है. पिछले दिनों दायर पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई है.
अदालत में दाख़िल दिल्ली पुलिस की एक चार्जशीट के अनुसार, ‘हिंदू कट्टर एकता’ नाम का वॉट्सऐप ग्रुप कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से बदला लेने के लिए 25 फरवरी को बनाया गया था.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिल्कीस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को याद कर रही हैं.
दिल्ली दंगा मामले में सामने आए दो वॉट्सऐप ग्रुप में से एक 'हिंदू कट्टर एकता ग्रुप' है, जहां 'मुल्लों को मारने' के दावे किए गए हैं. दूसरी ओर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप में सीएए विरोधी प्रदर्शन, हिंसा न करने और संविधान में भरोसा रखने की बातें हुई हैं. दिल्ली पुलिस ने दूसरे ग्रुप के कई सदस्यों को दंगों का साज़िशकर्ता बताया है.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिलकिस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है.
वीडियो: पिछले कुछ समय से विपक्ष की आवाज़ को संसद और संसद से बाहर दबाने की कोशिश हो रही है. नागरिकता संशोधन क़ानून विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वालों को जेल में डाला जा रहा है. उन्हें दिल्ली दंगों में फंसाया जा रहा है. इन मुद्दों पर पूर्व उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.