दिल्ली दंगा मामले में दायर एक चार्जशीट में दावा किया गया था कि 8 जनवरी को हुई एक बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय हिंसा की योजना बनाई गई थी. पिछले दिनों एक अन्य आरोपपत्र में पुलिस ने इसे हटाते हुए कहा है कि सीएए विरोधी प्रदर्शन 2019 आम चुनाव में भाजपा की जीत से खोई ज़मीन पाने के लिए बड़े पैमाने दंगे करवाने की 'आतंकी साज़िश' का हिस्सा थे.
नताशा नरवाल की ज़मानत मंज़ूर करते हुए अदालत ने कहा कि पुलिस ओर से दिखाए गए वीडियो में वह नजर तो आ रही हैं, लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है, जो यह संकेत देता हो कि वह हिंसा में शामिल थीं या उन्होंने हिंसा भड़काई हो.
दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों के संबंध में 10,000 पन्नों की चार्जशीट दाख़िल की. इसमें 747 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया है और उनमें से 51 के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिफ़ा उर रहमान को दिल्ली दंगों के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. रहमान ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा है कि जेल प्रशासन उन्हें उनके वकील से मिलने नहीं दे रहा है.
आईपीएस अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर दंगे से जुड़े सभी मामले की दोबारा निष्पक्षता से जांच कराने का अनुरोध किया है. पत्र में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रहे लोगों को इसमें फंसाना दुखद है. बिना किसी ठोस साक्ष्य के इन पर आरोप लगाना निष्पक्ष जांच के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है.
दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपी छात्राओं के बयानों के सहारे दावा किया है कि योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी, जयती घोष, प्रोफेसर अपूर्वानंद जैसे लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘किसी भी हद तक जाने को कहा था’ और सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराज़गी बढ़ाई. हालांकि पुलिस का कहना है कि इन लोगों के नाम बतौर आरोपी शामिल नहीं हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा आयोजित वेबिनार ‘विश्वविद्यालयों में अनुशासन’ में जामिया, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द शामिल थे. चर्चा में कैंपस के उपद्रवी तत्वों को अलग-थलग करने से लेकर पुलिस के साथ संपर्क पर चर्चा की गई.
वीडियो: पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में 29 जनवरी को गिरफ्तार किए गए डॉ. कफ़ील ख़ान को ज़मानत मिल गई है. दूसरी ओर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इस मुद्दे पर अर्थशास्त्री अरुण कुमार से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता को दिल्ली दंगे संबंधी मामले में गिरफ़्तार किया गया था. ज़मानत मिलने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन पर यूएपीए के तहत भी एक मामला दर्ज है.
चुनाव आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि वे अन्य सरकारी विभागों के साथ मतदाता सूची और फोटो परिचय पत्र साझा करने के साल 2008 के अपने दिशा-निर्देशों से किसी भी तरह नहीं भटका है.
फरवरी महीने में हुए दंगे और उसके बाद हुई 'जांच' का मक़सद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराना है, जिससे उनके आंदोलन को बदनाम किया जा सके. साथ ही भविष्य में ऐसा कोई प्रदर्शन करने के बारे में आम नागरिकों में डर बैठाया जा सके.
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को अपने समर्थन में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने रखा था. अदालत का कहना है कि रिपोर्ट को किसी भी पक्ष को दी गई क्लीन चिट के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के पक्षपाती रवैये को लेकर लगातार उंगलियां उठीं. इस धारणा को इसलिए भी बल मिला क्योंकि पुलिस ने गिरफ़्तार किए गए लोगों के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.
दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. इस बारे में दायर याचिकाओं पर पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें ऐसे लोगों ने दायर किया है, जिनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ.
बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल होने की बात स्वीकार ली है. हुसैन के वकील जावेद अली का कहना है कि उनके मुवक्किल ने कभी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया. पुलिस के पास अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य नहीं हैं.