फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बीते दिनों रिलीज़ के बाद उपजे राजनीतिक विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह क़दम उठाया गया है. फिल्म को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं विपक्ष ने फिल्म को एकतरफा और बेहद हिंसक बताया है.
मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. पुणे पुलिस ने पायल कपाड़िया और 34 अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी की थी. उनकी छात्रवृत्ति ग्रांट में भी कटौती कर दी गई थी.
अभिनेता अनुपम खेर ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर बताया है कि उनमें कोरोना वायरस का लक्षण नहीं पाया गया है, लेकिन उनकी मां के अलावा अभिनेता भाई राजू खेर, उनकी पत्नी और भतीजी में संक्रमण के हल्के लक्षण मिले हैं.
'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे से जुड़ी कंपनी वीआरजी डिजिटल कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को न केवल भारतीय कर कानूनों के उल्लंघन के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि उस पर ब्रिटेन में भी टैक्स छूट के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप है.
भाजपा के आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर फिल्म का ट्रेलर साझा किया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फिल्म पार्टी के ख़िलाफ़ भाजपा का दुष्प्रचार है. महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस ने रिलीज़ से पहले स्पेशल स्क्रीनिंग की मांग की. मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध की ख़बर को ग़लत बताया.
अभिनेता अनुपम खेर को साल 2017 में पूर्व चेयरमैन गजेंद्र चौहान को लेकर चले लंबे विवाद के बाद एफटीआईआई का नया चेयरमैन चुना गया था.
फिल्म निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे के पिता रत्नाकर गुट्टे पर 5,500 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है. 2014 में रत्नाकर गुट्टे महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की ओर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
सिनेमाघर न तो पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी का लाल किला है, न ही उन तमाम स्कूलों और कॉलेजों का मैदान, जहां इन दो दिनों पर राष्ट्रगान भी होता है और ‘रंगारंग कार्यक्रम’ भी.
पत्र में उठाए सवाल, फिल्म प्रशिक्षण के लिए बना एफटीआईआई अब धन अर्जित करने के लिए छोटे छोटे अनुपयोगी क्रैश कोर्स करा रहा है.
एफटीआईआई के छात्रों ने अनुपम खेर की नियुक्ति पर उठाए सवाल, बताया हितों के टकराव का मामला.