असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.
असम के शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई जेल से छूटने के बाद पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया. गोगोई ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा जांच एजेंसी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से उन्हें बरी करने को ‘ऐतिहासिक’ क़रार देते हुए कहा कि उनका मामला सबूत है कि यूएपीए और एनआईए अधिनियम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा हैं. उन्होंने एनआईए को भाजपा नीत केंद्र सरकार का ‘राजनीतिक हथियार’ भी क़रार दिया है.
विभिन्न संगठन सीमा सड़क संगठन द्वारा राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जता रहे हैं. यह घटना बीते 17 जून को एक कार्यक्रम की है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 किलोमीटर लंबी किमिन-पोतिन सड़क और 11 अन्य ऐसी ही परियोजना का उद्घाटन किया था, तब किमिन को असम में दिखाया गया था.
मई 2020 में तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में गैस रिसाव के बाद लगी को क़रीब पांच महीने बाद बुझाया जा सका था. एनजीटी द्वारा इसके लिए गठित जांच समिति में कंपनी के प्रबंध निदेशक को शामिल किया गया था, जिस पर हैरानी जताते हुए शीर्ष अदालत ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है.
असम के शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन साथियों को एनआईए अदालत ने चांदमारी मामले के संबंध में बरी कर दिया. इस मामले में उन पर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप था. गोगोई ने इस फ़ैसले को भारत की क़ानूनी व्यवस्था की जीत बताया है.
मिज़ोरम ने असम पर सीमा से लगे कोलासिब ज़िले में उसकी ज़मीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है, तो दूसरी ओर असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर असम में हैलाकांडी के अंदर कथित तौर पर दस किलोमीटर की दूरी पर संरचनाओं के निर्माण और सुपारी तथा केले के पौधे लगाने के आरोप लगाए हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और निरक्षरता को मिटाने का एकमात्र तरीका दो बच्चों की नीति है. उन्होंने कहा कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है, लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही.
असम के डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर दो गांवों में बसे राज्य के दूसरे सबसे बड़े जातीय समुदाय मिसिंग के क़रीब बारह हज़ार लोग लगभग सत्तर बरसों से बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पुनर्वास की उम्मीद लिए जी रहे हैं. राज्य में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इस समुदाय की दशा अब भी वैसी ही है.
असम के शिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई बीते 25 जून की दोपहर को पैरोल मिलने के बाद देर रात गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से बाहर निकले, जहां उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने गुवाहाटी में पत्नी और बेटे के साथ किराये के मकान में रात बिताई और शनिवार को अपनी मां से मुलाकात की. उन्हे सीएए विरोधी प्रदर्शनों के वक्त जोरहाट से दिसंबर 2019 में गिरफ़्तार किया गया था.
भाबेश कलीता असम के कामरूप ज़िले की रंगिया विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि शारदा देवी इससे पहले प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और प्रशिक्षण विभाग की मुखिया थीं. कलीता, रंजीत कुमार दास की जगह लेंगे और शारदा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की जगह लेंगी, जिनका निधन बीते मई महीने में कोविड-19 संबंधी परेशानियों से हो गया था.
ऑल अरुणाचल प्रदेश अबो तानी स्टूडेंट्स यूनियन ने 24 जून को दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के किमिन-पोटिन हिस्से को असम को सौंपने के लिए सीमा सड़क संगठन के साथ मिलीभगत की. विभिन्न संगठनों ने सीमा सड़क संगठन द्वारा राज्य की राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जताई है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले 12 राज्यों में सामने आए हैं और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से आए हैं. सरकार ने ज़ोर दिया कि कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन टीके सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध प्रभावी हैं. वहीं, असम और महाराष्ट्र में डेल्टा स्वरूप से एक-एक मरीज़ की मौत होने की पुष्टि हुई है.
शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं न कराने के निर्देश देने के अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. अदालत ने आंध्र प्रदेश से उसके बोर्ड परीक्षा कराने के निर्णय पर सवाल किए थे, जिसके जवाबों से कोर्ट के आश्वस्त न होने पर इन्हें रद्द कर दिया गया.
असम सरकार ने अपने सभी विभागीय प्रमुखों को निर्देश दिया कि इस महीने से वेतन जारी करने के पहले फ्रंटलाइन कर्मचारियों के टीकाकरण की स्थिति का पता लगाएं. इसी तरह मध्य प्रदेश के उज्जैन में ज़िला प्रशासन ने कहा है कि यदि सरकारी कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया तो उन्हें अगले माह से वेतन नहीं मिलेगा.
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कि जिसमें कोविड-19 महामारी को देखते हुए राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ को सूचित किया गया कि आंध्र प्रदेश और केरल दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय किया है.