घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.
बीते 29 जून को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के रौनापार के पलिया गांव के एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी कथित रूप से हमला कर दिया गया. आरोप है कि इसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस दलित बाहुल्य गांव में प्रधान समेत कई घरों में जमकर तोड़फोड़ की और उन्हें गिरा दिया गया. पुलिस ने ग्रामीणों के इस आरोप से इनकार करते हुए अज्ञात लोगों
उत्तर प्रदेश में बीते दो हफ़्तों में दलितों पर उत्पीड़न की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जो कानपुर, चंदौली और आज़मगढ़ में हुई हैं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर संबंधित घटनाओं के वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दलित उत्पीड़न की इन घटनाओं पर जवाब मांगा है.
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के रौनापार के पलिया गांव में बीते 29 जून को एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. इस दौरान वहां पहुंचे पुलिस के जवानों पर भी कथित रूप से हमला किया गया. आरोप है कि उसके बाद मुख्य आरोपी बताए जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की व मकान को पुलिस द्वारा गिरा दिया. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने न्याय की मांग पर 19 जुलाई को आज़मगढ़ जाने की
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी दलित युवक की मां की शिकायत के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें निलंबित कर दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को मारने की मंशा से उसका गला घोंटा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.
वीडियो: 24 वर्षीय नवदीप कौर मज़दूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं, जिन्हें बीते 12 जनवरी को सोनीपत में एक औद्योगिक इकाई पर हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के आरोप में तीन मामले दर्ज किए थे. कुछ दिन पहले उन्हें ज़मानत मिली है.
दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के साथ काम करने वाले मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को एक औद्योगिक इकाई के ख़िलाफ़ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज दो मामलों में तीन मार्च और एक मामले में 4 मार्च को ज़मानत मिल गई. 12 जनवरी को कौर की गिरफ़्तारी के बाद शिव कुमार को हिरासत में लिया गया था.
नवदीप कौर और शिव कुमार दोनों मज़दूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं. दोनों को जनवरी में गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि दोनों कृषि क़ानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले की घटना. आरोप है कि दलित युवक ने अपनी बकरियों को खिलाने के लिए आम के पेड़ से पत्ते तोड़े थे, जिसके बाद आरोपियों ने उसकी पिटाई की थी. पुलिस ने केस दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के गौरीहार थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले के दोनों आरोपी फ़रार है, उनकी तलाश की जा रही है.
नागरिक अधिकार संस्था ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है. संस्था का कहना है परिवार नज़रबंद जैसी स्थितियों में रह रहा है. सीबीआई को मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए.
गुजरात के भावनगर ज़िले के मातलपुर गांव की घटना. एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि मृतक दलित थे और उन्होंने काम करने से इनकार कर दिया था, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई. मृतक पर चार आपराधिक मामले दर्ज थे और एक आरोपी की चचेरी बहन से छेड़खानी का भी आरोप था.
यह अमेठी के बंदुहिया गांव की घटना है, जहां आरोप है कि सवर्ण जाति के पांच-छह लोगों ने दलित ग्राम प्रधान के पति को अगवा कर मारपीट की और उन्हें ज़िंदा जला दिया. प्रधान के परिवार का कहना है कि आरोपी सरकारी धन उगाहने को लेकर धमकाया करते थे. पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के कथित बलात्कार और मौत के बाद प्रशासन के व्यवहार से आहत ग़ाज़ियाबाद के करहैड़ा गांव के वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों ने बीते 14 अक्टूबर को बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था.