इतिहास जस्टिस चंद्रचूड़ को कैसे याद करेगा, यह उन्होंने ख़ुद तय कर दिया है

भारत के इतिहास में यह दर्ज किया जाएगा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता की इमारत जब गिराई जा रही थी, हमारे कई न्यायाधीशों ने उसकी नींव खोदने का काम किया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का नाम सुर्ख़ियों में होगा.

अब अयोध्या बाबरी ध्वंस के दौर से निकलकर घरों, दुकानों के ध्वस्तीकरण के दौर में आ पहुंची है

आज अयोध्या की ‘बड़ी-बड़ी’ बातों ने कई ‘छोटी’ बातों को इतनी छोटी कर डाला है कि वे न पत्रकारों को नज़र आती हैं, न सरकारी अमले को. ऐसे में उन आम अयोध्यावासियों की तकलीफें अनदेखी की शिकार हैं, जो ‘ऊंची उड़ानों’ पर नहीं जाना चाहते या जिन्हें उन उड़ानों के इंतज़ामकार अपने साथ नहीं ले जाना चाहते. 

छह दिसंबर: अपराध और अन्याय की जीत

वीडियो: 400 साल पुरानी बाबरी मस्जिद का विध्वंस देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. इस विध्वंस के तीस साल पूरे होने पर इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन. 

बाबरी विध्वंस: आडवाणी व अन्य के बरी होने के ख़िलाफ़ याचिका पर सुनवाई को लेकर आदेश सुरक्षित

बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाए जाने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा तथा बजरंग दल संस्थापक विनय कटियार समेत 32 लोगों को विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर 2020 को बरी कर दिया था.

राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिए गए 22 करोड़ रुपये के 15,000 चेक बाउंस हुए

विश्व हिंदू परिषद की ज़िला इकाइयों की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर ट्रस्ट को दान के रूप में अब तक 3,400 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में रहने वाले दानदाताओं के सर्वाधिक दो हज़ार से ज़्यादा चेक बाउंस हुए हैं.

अयोध्या में दलित भूमि का ट्रस्ट को हस्तांतरण ग़ैरक़ानूनी: रेवेन्यू कोर्ट

अयोध्या की राजस्व अदालत ने साल 1996 में दलित भूमि को महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाने की प्रक्रिया को अवैध बताते हुए उक्त ज़मीन को राज्य सरकार को सौंप दिया है.

क्या राम के नाम पर अयोध्या कॉरपोरेटी विकास की मिसाल बनती जा रही है…

राम मंदिर क्षेत्र के पास रसूख़दारों द्वारा ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त के गोरखधंधे में घिरी अयोध्या की एक चिंता यह भी है कि सत्ता समर्थित मूल्यहीन भव्यता के हवाले होती-होती वह राम के लायक भी रह पाएगी या नहीं?

कांग्रेस ने अयोध्या में भाजपा नेताओं पर ‘ज़मीन की लूट’ का आरोप लगाया, योगी ने जांच के आदेश दिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास  कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ज़मीन की कथित तौर पर ख़रीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने ज़मीनों को औने-पौने दाम पर ख़रीदा है.

अयोध्या: राम मंदिर के पास विधायकों, महापौर, अधिकारियों के परिजनों ने ज़मीनें खरीदीं- रिपोर्ट

इसमें से पांच मामलों में लेन-देन को लेकर हितों के टकराव का मामला उत्पन्न होता है, क्योंकि महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने जो ज़मीन बेची है, वह दलितों से ज़मीन खरीदते समय कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में है. इस मामले की जांच वही अधिकारी कर रहे हैं, जिनके रिश्तेदारों ने ज़मीन खरीदी है.

‘अगर अयोध्या आंदोलन नहीं होता तो मोदी वो नेता नहीं बन पाते, जो वो आज हैं’

वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय की नई किताब ‘द डिमोलिशन एंड द वर्डिक्ट: अयोध्या एंड द प्रोजेक्ट टू रिकन्फिगर इंडिया’ हाल ही में आई है. इस किताब के ज़रिये राम जन्मभूमि-अयोध्या आंदोलन के भारत की राजनीति और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर नीलांजन से महताब आलम की बातचीत.

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का क़ानूनी पटाक्षेप अंत नहीं महज़ शुरुआत था…

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जिन सदाशयी लोगों को लगता था कि इसके बहाने होने वाले सांप्रदायिक विद्वेष की बला अब उनके सिर से हमेशा के लिए टल जाएगी, उसका राजनीतिक दुरुपयोग बंद हो जाएगा, देश-प्रदेश का राजनीतिक नेतृत्व उनकी भोली उम्मीदों पर पानी फेरने को तैयार है.

आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद का ही नमूना है

आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके तिरंगे के रंग पक्के हैं. शुद्ध घी की तरह ही वह शुद्ध राष्ट्रवाद का कारोबार कर रही है. भारत और अभी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को राष्ट्रवाद का असली स्वाद अगर चाहिए तो वे उसकी दुकान पर आएं. उसकी राष्ट्रवाद की दाल में हिंदूवाद की छौंक और सुशासन के बघार का वादा है.

क्या राष्ट्रध्वज का अपमान देश का सम्मान करने का नया तरीका है?

तिरंगे में लिपटे एक पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल के पार्थिव शरीर के आधे हिस्से पर अपना झंडा प्रदर्शित करके भाजपा ने पूरी तरह साफ कर दिया कि राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान के मामले में वह अब भी ‘ख़ुद मियां फजीहत दीगरे नसीहत' की अपनी नियति से पीछा नहीं छुड़ा पाई है.

जिसने पार्टी हित को राष्ट्रहित से ऊपर रखा, उसके लिए राष्ट्रध्वज दल के झंडे के नीचे ही होना चाहिए

राष्ट्रध्वज को जब बहुसंख्यकवादी अपराध को जायज़ ठहराने के उपकरण के रूप में काम में लाया जाने लगेगा, वह अपनी प्रतीकात्मकता खो बैठेगा. फिर एक तिरंगे पर दूसरा दोरंगा पड़ा हो, इससे किसे फ़र्क़ पड़ता है?

अयोध्या: नये राम मंदिर के लिए ढहाया गया तीन सौ साल पुराना ऐतिहासिक राम जन्मस्थान मंदिर

300 साल पुराना जन्मस्थान मंदिर 1980 के दशक में शुरू हुए रामजन्मभूमि आंदोलन के पहले राम के जन्म से जुड़ा था और एक मुस्लिम ज़मींदार द्वारा दान दी गई ज़मीन पर बनाया गया था. यह राम की सह-अस्तित्व वाली उस अयोध्या का प्रतीक था, जिसका नामो-निशान अब नज़र नहीं आता.

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