द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले का मामला. रविवार को पुलिस ने 28 वर्षीय मोहम्मद साजिद को जुआ खेलने के आरोप में उठा लिया था. उन्हें छोड़ने के कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस चौकी में उन्हें प्रताड़ित किया गया. परिवार ने ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र में बीते सप्ताह हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के एक ऑनलाइन 'सत्संग' कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चे नज़र आ रहे हैं. बलात्कार और हत्या का दोषी गुरमीत राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर है.
उत्तर प्रदेश के बाग़पत ज़िले में बीते 2 सितंबर को 20-22 लोगों की भीड़ ने विनयपुर में रहने वाले दाऊद अली त्यागी पर हमला कर दिया था. कार्यकर्ताओं का दावा है कि त्यागी की हत्या से पहले इलाके में एक बैठक हुई थी, जहां क्षेत्र के मुसलमानों को डराने की योजना बनाई गई थी. पुलिस ने भी बैठक और साज़िश की बात स्वीकारी है.
बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान ज़हर खाने वाली मां और दो बेटियों की मौत के मामले में आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेज चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
घटना बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों ने ज़हर खा लिया था. छपरौली थाने के दारोगा समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. इस महीने यूपी पुलिस की दबिश के दौरान महिलाओं की मौत की यह चौथी घटना है.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी की मां और दोनों बहनों को डर था कि आरोपी के नहीं पकड़े जाने पर पुलिस उनको हिरासत में ले सकती है. इस महीने ये चौथी घटना है, जब यूपी पुलिस की दबिश के दौरान कथित तौर पर चार महिलाओं की मौत हो चुकी है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जहां किसान आंदोलन का असर दिखा था, वहां के 19 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा सिर्फ़ छह सीटें हासिल कर पाई है. अगर इस चुनावी नतीजे से किसी एक निष्कर्ष पर पहुंचा जाए तो वह यह है कि जनता के मुद्दों पर चला सच्चा जन आंदोलन ही ध्रुवीकरण के रुझानों को पलट सकता है और आगे चलकर यही भाजपा को पराजित कर सकता है.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के बड़ौत का मामला है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक जूता व्यापारी और उनकी पत्नी ने इसके लिए कथित तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार बताते हुए फेसबुक लाइव के दौरान ज़हर खा लिया. व्यापारी ने वीडियो में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री छोटे व्यापारियों और किसानों के हितैषी नहीं हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने कि मिठास के लिए मशहूर है लेकिन ये मिठास काफ़ी समय से कम हो गई है. इसका कारण है किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर न होना. द वायर की टीम बागपत की मलकपुर चीनी मिल गई और यहाँ पर गन्ना किसानों से बातकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की.
रालोद पार्टी के पूर्व विधायक वीरपाल सिंह राठी ने कहा कि 31 जनवरी को बड़ौत तहसील में एक महापंचायत में शामिल होने से एक दिन पहले उन्हें और छह अन्य लोगों को नोटिस मिला था. महापंचायत में फैसला किया गया था कि क्षेत्र के लोग दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर और सिंघू बॉर्डरों के लिए कूच करेंगे.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बागपत ज़िले के बड़ौत थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पिछले साल 19 दिसंबर से धरना दे रहे थे. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने देर रात लाठी चार्ज कर उन्हें हटा दिया, जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है.
बीते 22 दिसंबर को बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चार सदस्यों ने श्रुतदेवी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद संगठन ने माफ़ी मांगी थी. इन चारों के ख़िलाफ़ दंगा करने सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि दरोगा इंतसार अली को दो बार विभागीय अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. नियमों की लगातार अनदेखी करने के कारण यह कार्रवाई की गई है. नियमों के अनुसार, सिखों के अलावा अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है.
मामला उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का है. पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि करीब 12 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है.