मध्य प्रदेश: पिछले पांच सालों में सरकार ने जनता के लिए क्या किया?

मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा (2018-2023) ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल तो देखे ही, साथ ही बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को पैठ बनाते देखा. इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है. 

क्यों मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हिंदुत्व का बुखार चढ़ गया है?

राष्ट्रीय स्तर पर एक तरफ कांग्रेस वर्तमान हिंदुत्ववादी राजनीति के ख़िलाफ़ लड़ने का दम भरती है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में इसके वरिष्ठ नेता कमलनाथ हिंदुत्व के घोर सांप्रदायिक चेहरों की आरती उतारते और भरे मंच पर उन्हें सम्मानित करते नज़र आते हैं.

मध्य प्रदेश: क्या चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को सांप्रदायिकता से परहेज नहीं है

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 'बजरंग सेना' का हाथ थामा है. 'हिंदू राष्ट्र' का सपना देखने वाले इस संगठन की पहचान अब तक हिंदुत्ववादी एजेंडा आगे बढ़ाने, मुस्लिमों के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने और नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करने वालों का समर्थन करने की रही है.

हिंदू महासभा ने गोडसे को श्रद्धांजलि दी, गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोपी कालीचरण सम्मानित

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर हिंदू महासभा ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और इसमें एक अन्य आरोपी नारायण आप्टे को श्रद्धांजलि दी. हिंदू महासभा ने इस दिन को गोडसे-आप्टे स्मृति दिवस के रूप में मनाया. ऐसा ही एक कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से भी आयोजित किया गया.

मध्य प्रदेश: ‘गोडसे ज़िंदाबाद’ नारेबाज़ी का वीडियो आने के बाद कालीचरण के 50 समर्थकों पर केस दर्ज

कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में 30 दिसंबर 2021 को रायपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका एक अदालत ने ख़ारिज कर दी है. उनके समर्थन में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि संतों के प्रति ‘थोड़ा-सा लिबरल’ रहा जाना चाहिए.