उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के बावजूद राज्य सरकार तब जागी, जब बड़ी संख्या में लोगों की मौत मीडिया के ज़रिये सामने आई. सरकार ने लू के कारण कोई भी मौत होने की बात से इनकार किया है और साल 2017 में हुए गोरखपुर के ऑक्सीजन त्रासदी के बाद अपनाई गई ‘इनकार नीति’ पर चल रही है.
तेज़ गर्मी से बिहार के भोजपुर ज़िले में एक दिन में 25 मौतें होने की ख़बर है, वहीं यूपी के बलिया में ज़िला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना है. देवरिया, आज़मगढ़ और वाराणसी के अस्पतालों में भी गर्मी के चलते मौतों के मामले सामने आए हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के दो ज़िलों- बलिया और देवरिया में बीते सप्ताहभर में क़रीब सौ लोगों की मौत की ख़बर सामने आई है. मौतों की वजह की जांच की जा रही है लेकिन शुरुआती तौर पर कहा गया था कि क्षेत्र में पड़ रही तेज़ गर्मी और लू इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बलिया ज़िला अस्पताल में लोगों की मौत होने का सिलसिला जारी है. अधिकारियों का दावा है कि अब तक इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए कोई ‘ठोस सबूत’ नहीं मिले हैं. सरकार ने मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िला अस्पताल में चार दिन में हुईं 57 मौतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. सरकार ने इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अब तक ज़िले में लू से सिर्फ़ दो लोगों की मौत हुई है.