द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
द रिपोर्टर्स कलेक्टिव-अल जज़ीरा ने एक रिपोर्ट में बताया था कि बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारियों ने ग्राहकों को बैंक के नए मोबाइल बैंकिंग ऐप 'बॉब वर्ल्ड' पर रजिस्टर करने के लिए अनाधिकृत मोबाइल नंबरों को उनके खाते से जोड़ा. अब सामने आया है कि इस जुगाड़ के चलते कुछ खातों से कई लाख रुपये चोरी किए गए.
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि वे अडानी शेयरों को लेकर बाज़ार की अस्थिरता पर चिंतित नहीं हैं. अगर अडानी समूह मानकों को पूरा करता है तो बैंक ऑफ बड़ौदा उसे क़र्ज़ देगा.
आरटीआई से पता चला है कि बैंकों ने एसएमएस अलर्ट सेवा शुल्क, न्यूनतम शेष शुल्क, लॉकर शुल्क, डेबिट-क्रेडिट कार्ड सेवा शुल्क, खाता बही से बड़ी राशि अर्जित की है.
इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी. इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी.
2012 में क़रीब 81 करोड़ रुपये का क़र्ज़ न चुकाने पर स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने स्टर्लिंग समूह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया था. 2014 में इसके प्रमोटर्स को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया. लेकिन 2015 में आरबीआई के नियम के ख़िलाफ़ समूह की एक कंपनी को स्टेट बैंक के कंसोर्टियम द्वारा लोन दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की रजिस्ट्री और उसकी संपत्तियों के लिए मिले पट्टे रद्द कर दिए. कोर्ट ने राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने और उन्हें खरीददारों को सौंपने का आदेश दिया.
आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कनफेडरेशन ने कहा कि इससे पहले एसबीआई के साथ पांच सहयोगी बैंकों के विलय हुआ था, लेकिन कोई चमत्कार नहीं हुआ. गुजरात बैंक कर्मचारी यूनियन का कहना है कि इससे बेरोज़गारी बढ़ेगी.
केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.
देश के कई राज्यों से आए सरकारी बैंक कर्मचारियों ने नई दिल्ली के संसद मार्ग पर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का ऋण लिया था. उन्होंने ऋण के ब्याज तक का भुगतान नहीं किया है. उन पर बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक का भा कर्ज़ है.
वित्त वर्ष 2016-17 में हज़ार करोड़ से ऊपर की राशि बट्टे खाते में डालने वाले स्टेट बैंक ने अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच न्यूनतम बैलेंस न रखने पर आम ग्राहकों से 1,771 करोड़ का जुर्माना वसूला था.