अगस्त महीने में हरियाणा के चरखी दादरी में कथित गोरक्षकों द्वारा गोमांस खाने के शक में एक 26 वर्षीय शख़्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. अब हरियाणा पुलिस को मिली फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिस मांस के शक में यह हत्या की गई थी, वो गोमांस नहीं था.
मामला ओडिशा के ब्रह्मपुर में सरकारी पारला महाराजा इंजीनियरिंग कॉलेज का है, जहां सात छात्रों पर कथित तौर पर गोमांस पकाने का आरोप लगा है. इस घटना के बाद तनाव बढ़ने पर कॉलेज के पास पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है.
घटना बुधवार को धुले-सीएसएमटी एक्सप्रेस में हुई. जलगांव के रहने वाले बुजुर्ग अपनी बेटी से मिलने कल्याण जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उन पर अवैध रूप से गोमांस ले जाने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया. पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया है कि बुजुर्ग भैंस का मांस ले जा रहे थे, जिस पर प्रतिबंध नहीं है.
मृतक साबिर पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और पिछले 3 सालों से अपनी पत्नी के साथ हरियाणा में कबाड़ बीनने का काम कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपी गोरक्षक दल के सदस्य थे और उन्हें संदेह था कि साबिर ने गोमांस खाया है.
घटना मंडला ज़िले की है. पुलिस के मुताबिक, स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सक ने पुष्टि की है कि ज़ब्त किया गया मांस गोमांस ही है. डीएनए की जांच के लिए मांस के नमूने हैदराबाद भेजे गए हैं.
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बिहार के छपरा ज़िले में हुई घटना. मृतक की पहचान सीवान ज़िले के हसनपुर गांव के रहने वाले 56 वर्षीय नसीम क़ुरैशी के रूप में हुई है. मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है.
मेघालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि मेघालय में सभी बीफ खाते हैं, मैं भी खाता हूं. यहां कोई पाबंदी नहीं है. यह लोगों की जीवनशैली है, कोई नहीं इसे रोक सकता.
उत्तर प्रदेश के बिसाहड़ा गांव में सितंबर 2015 में भीड़ ने गोमांस रखने के संदेह में 52 वर्षीय मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अदालत ने भाजपा नेता संगीत सोम को बिसाहड़ा गांव में सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत दोषी ठहराया और 800 रुपये का जुर्माना लगाया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी जे. नंदकुमार ने कहा कि आम लोग मांसाहार का सेवन करते हैं. आप यह नहीं कह सकते कि यह भारत में प्रतिबंधित है. जलवायु संबंधी परस्थितियों और भौगोलिक स्थितियों के अनुसार लोग इस तरह का भोजन करते हैं.
बीते 13 जुलाई को ईटानगर ज़िला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह क़दम समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए है. होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.
उत्तर प्रदेश में गौतम बौद्ध नगर ज़िले के दादरी क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव निवासी 52 वर्षीय मोहम्मद अख़लाक़ की 28 सितंबर 2015 को भीड़ द्वारा गोकशी का आरोप लगाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उनके बेटे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अख़लाक़ की बेटी शाइस्ता मामले में चश्मदीद गवाह हैं.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.
शीर्ष न्यायालय स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 23 जून 2021 को केरल हाईकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश जारी रहेगा. शीर्ष अदालत ने भारत संघ और लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को नोटिस भी जारी किया है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के प्रमुख समाचार.