असम: स्कूल में पका हुआ गोमांस लाने पर प्रधानाध्यापिका को जेल

असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

गोआलपाड़ा: असम के गोआलपाड़ा जिले के एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका (Headmistress) को दोपहर के भोजन के रूप में पका हुआ गोमांस स्कूल लाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानाध्यापिका डालीमन नेसा कथित तौर पर ‘गुणोत्सव 2022’ के दौरान पका हुआ गोमांस लेकर आई थीं.

स्कूलों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए ‘गुणोत्सव 2022’ नामक कार्यक्रम का आयोजन राज्य भर में 11 से 14 मई के बीच किया गया था.

प्रधानाध्यापिका डालीमन नेसा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 16 मई को उन्हें थाने ले जाया गया.

असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं. इसके अलावा मंदिर या मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में भी गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध है.

जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मृणाल डेका ने कहा कि लखीपुर क्षेत्र के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थी.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हम उन्हें 16 मई को पुलिस थाने लाए. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ने अगले दिन उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.’

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, डेका ने कहा, ‘घटना 14 मई को हुई थी, लेकिन मंगलवार (17 मई) को एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद इसका पता चला.’

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने प्रधानाध्यापिका के कृत्य से परेशान होकर शिकायत दर्ज कराई, क्योंकि स्कूल एक सार्वजनिक स्थान है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग इकट्ठा होते हैं.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

डेका ने कहा, ‘56 वर्षीय प्रधानाध्यापिका के खिलाफ धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 ए (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)