बीते दस वर्षों में विकास गतिविधियों के कारण 1,734 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र नष्ट हुआ: सरकार

केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि विकास गतिविधियों के कारण पिछले 10 वर्षों में देश में लगभग 1,734 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र नष्ट हुआ है. 2014 और 2024 के दौरान ग़ैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए वन भूमि का सबसे अधिक इस्तेमाल मध्य प्रदेश में हुआ है.

2019-21 के बीच आत्महत्या करने वालों में दैनिक वेतन भोगियों और गृहिणियों की संख्या सर्वाधिक

सरकार ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से लोकसभा में बताया है कि वर्ष 2019-21 की तीन साल की अवधि में आत्महत्याओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 2019 में 1,39123 लोगों ने आत्महत्या की थी, 2020 में यह 1,53,052 हो गई और 2021 में बढ़कर 1,64,033 हो गई.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने वन संरक्षण नियम 2022 पर मंत्रालय से रोक लगाने को कहा

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा है वन संरक्षण नियम 2022 ने वन भूमि के डायवर्ज़न से पहले वनवासियों की सहमति लेने की आवश्यकता को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया है. पर्यावरण मंत्रालय ने बीते जून महीने में नए नियमों को अधिसूचित किया था. 

विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए 2020-21 में करीब 31 लाख पेड़ काटे गए: केंद्र

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि पेड़ों की कटाई की अनुमति विभिन्न क़ानूनों, नियमों और अदालती आदेश के मुताबिक़ दी जाती है. पूरे देश में 2020-21 में 30,97,721 पेड़ों की कटाई के प्रस्ताव को वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत मंज़ूरी दी गई.

केंद्र ने पीएफ़ पर ब्याज दर 8.5 से घटाकर 8.1 की, चार दशक के निचले स्तर पर

मार्च 2020 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि (पीएफ) जमा पर ब्याज दर सात साल में सबसे कम 8.5 फीसदी करने का फैसला किया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी थी. वर्ष 1999 से वर्ष 2000 के बीच पीएफ पर 12 प्रतिशत ब्याज मिलता था, जो कि दो दशकों में एक तिहाई तक घट चुका है. 

वन क्षेत्र बढ़ा, लेकिन 10 सालों में 52 बाघ अभयारण्यों का हिस्सा 22.62 वर्ग किलोमीटर घटा: सरकार

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, शेरों को रहने के लिहाज़ से उपयुक्त वन क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों के दौरान 33.43 वर्ग किलोमीटर की कमी आई है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुल वन क्षेत्र में साल 2019 के मुक़ाबले 2,261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है.