निवासियों का कहना है कि संविधान की छठी अनुसूची में जोड़े बिना लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से कोई लाभ नहीं मिला है. लद्दाख के भाजपा नेता भी यह मांग उठा रहे हैं.
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83 वर्षीय कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज़ ने सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2019 से अपने घर में नज़रबंद होने को चुनौती दी थी. प्रशासन के इससे इनकार करने पर कोर्ट ने यह याचिका निरस्त कर दी. इसके कुछ घंटो बाद सोज़ एक वीडियो में श्रीनगर में अपने घर के गेट पर दिखे, जहां पुलिसकर्मी उन्हें बाहर निकलने या मीडिया से बात करने से रोक रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने सैफ़ुद्दीन सोज़ की नज़रबंदी को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी की याचिका पर सुनवाई की. केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से ही सैफ़ुद्दीन सोज़ अपने घर में नज़रबंद हैं.
अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करने वाले तीनों कश्मीरी फोटो पत्रकारों- यासीन डार, मुख़्तार ख़ान और चन्नी आनंद ने 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद की स्थितियों की तस्वीरें ली थीं.
भारतीय संविधान में स्पष्ट तौर पर भारत को राज्यों का संघ कहा गया है यानी एक संघ के रूप में सामने आने से पहले भी ये राज्य अस्तित्व में थे. इनमें से एक जम्मू कश्मीर का यह दर्जा ख़त्म करते हुए मोदी सरकार ने संघ की अवधारणा को ही चुनौती दी है.
एनएसए के दावे के अनुसार अगर अनुच्छेद 370 पर कश्मीर के लोग पूरी तरह से सरकार के साथ हैं, तो उनके नेताओं के बड़ी सभाओं को संबोधित करने की संभावना से सरकार को डर क्यों लग रहा है?
अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर के सौरा में हुए एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ यह युवक पैलेट लगने से घायल हो गया था. हालांकि सेना का कहना है कि युवक की मौत पैलेट से लगी चोट से नहीं बल्कि पथराव से हुई है.
जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद करने पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि आतंकवादियों और पाकिस्तान के लिए यह ज़्यादा उपयोगी है. इसका इस्तेमाल झूठ फैलाने और बरगलाने के लिए किया जाता है.