मामला पटना ज़िले के पालीगंज का है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दूल्हे की मौत के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से 350 से अधिक लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा चुका है जिसमें से 100 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं.
रबी के सीज़न के दौरान देश में मक्का के कुल उत्पादन का 80 फ़ीसदी हिस्सा बिहार से आता है. लेकिन अब हाल यह है कि फ़सल की लागत तक न निकल पाने से निराश किसान मक्का जलाकर अपना विरोध जताने को मजबूर हैं.
बीते सप्ताह बिहार सरकार ने 15 जून के बाद से सभी प्रखंड स्तरीय क्वारंटीन सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया है. दूसरे राज्यों से आ रहे कामगारों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लिए गए सरकार के इस फ़ैसले पर सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि इन सेंटर्स की फंड संबंधी गड़बड़ियों के चलते यह निर्णय लिया गया है.
कटिहार स्टेशन पर भोजन और बस की व्यवस्था न होने से नाराज़ मज़दूरों ने चक्काजाम कर दिया था और तक़रीबन 40 मिनट तक बिहार सरकार और प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी. हालांकि पुलिस ने लाठीचार्ज की बात से इनकार किया है.
बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.
15 जून के बाद बिहार में क्वारंटीन सेंटर्स को बंद किया जाएगा. साथ ही रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी बंद की जाएगी. राज्य सरकार का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में कोरोना संक्रमण के 3,872 पॉजिटिव मामलों में से 2,743 लोग वे हैं जो तीन मई के बाद दूसरे राज्यों से लौटे हैं.
बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के एक गांव के रहने वाले सगीर अंसारी दिल्ली में सिलाई का काम करते थे. लॉकडाउन के दौरान काम न होने और जमापूंजी ख़त्म हो जाने के बाद वे अपने भाई और कुछ साथियों के साथ साइकिल से घर की ओर निकले थे, जब लखनऊ में एक गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
घटना पूर्वी चंपारण ज़िले की है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साठ वर्षीय महिला के अचानक बेहोश हो जाने पर पांच घंटों तक लगातार फोन करने और अधिकारियों का चक्कर लगाने के बावजूद जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर उनके गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंची. कुछ घंटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा है कि सच्चे और झूठे का स्कोर मैच नहीं कर रहा था इसलिए कोच साहब ने बीच मैच में ही कैप्ट बदल दिया. अमंगल तो थे ही बेईमान भी निकले.
राजस्थान और यूपी सरकार के इस निर्णय के बाद शुक्रवार को 102 बसें झांसी और 150 बसें आगरा से कोटा गई थीं और रात में ही छात्र और कुछ अभिभावक अपने घरों के लिए रवाना हो गए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह लॉकडाउन के नियम के साथ नाइंसाफी है.
कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में लॉकडाउन के चलते हज़ारों छात्र-छात्राएं फंसे हैं. उनका कहना है कि कोई इम्तिहान या क्लास नहीं है, पर रहने-खाने की परेशानी से लेकर किराये के लिए मकानमालिकों का दबाव झेलना पड़ रहा है क्योंकि सरकार हमें घर नहीं भेज सकती.
घटना बिहार के मधुबनी ज़िले के अरेर की है. सोशल मीडिया पर वैवाहिक समारोह का वीडियो वायरल होने के बाद गांव की पंचायत समिति के एक सदस्य की शिकायत पर गांव के मुखिया सहित अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है.
बिहार के भोजपुर ज़िले से आने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह लंबे समय से सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे. उन्होंने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से गणित में पीएचडी की थी और कुछ समय के लिए नासा में भी काम किया था.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा झारखंड और बिहार के अभ्रक खदान वाले इलाकों में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर किए गए सर्वेक्षण में ये खुलासा हुआ है.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.