पटना की सिविल सर्जन विभा कुमारी सिंह ने अतिरिक्त खुराक लेने का खंडन करते हुए मामले की जांच में तथ्यों के सामने आने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इस महीने की शुरुआत में उत्तर बिहार के मधेपुरा ज़िले में एक 84 वर्षीय व्यक्ति ने दावा किया था कि उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के एक दर्जन टीके लिए हैं.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि कथित तौर ज़हरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. पिछले साल दिवाली के समय ऐसी ही एक अन्य घटना में चार ज़िलों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.
बक्सर सिविल कोर्ट द्वारा 6 जनवरी को जारी एक आदेश में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश का हवाला देते हुए अदालत के कर्मचारियों को सर्किट हाउस के पास मंदिरों की सफाई के लिए कहा गया था. आदेश पर सवाल उठने के बाद इसे लिपकीय त्रुटि बताते हुए 10 जनवरी को वापस लिया गया, पर तब तक कर्मचारी मंदिर साफ कर चुके थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम मामलों की समीक्षा बैठक में सामने आया कि राज्य में इस क़ानून के तहत बीते 10 सालों में 67,163 मामले दर्ज किए गए. सर्वाधिक 7,574 मामले 2020 में दर्ज किए गए जबकि 2018 में यह संख्या 7,125 और 2017 में 6,826 थी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन दिनों शराबबंदी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा पर हैं. नीतीश यह यात्रा ऐसे समय में कर रहे हैं, जब हाल ही में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने किसी क़ानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी के उदाहरण के रूप में बिहार के शराबबंदी क़ानून का हवाला दिया है.
घटना रविवार को मुज़फ़्फ़रपुर के बेला औद्योगिक इलाके में नूडल्स और अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वाली एक इकाई में हुई, जिसमें सात लोग घायल हो गए. पुलिस ने इस संबंध में फैक्ट्री के मालिक, उनकी पत्नी, प्रबंधक और बॉयलर की मरम्मत करने के लिए रखे गए कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया है.
कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने मंत्री मिलिंद नाइक पर पद का दुरुपयोग कर एक महिला का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर ने नाइक के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और पीड़ित महिला तथा विधायक के बीच कथित बातचीत का ऑडियो भी जारी किया था.
बिहार के औरंगाबाद ज़िले के अंबा थाना क्षेत्र का मामला है. आरोपी बलवंत सिंह ने डुमरी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी कथित तौर पर कुछ लोगों को ज़मीन पर थूकने और चाटने के लिए मजबूर करते, जूतों से पीटते हुए जातिसूचक अपशब्द कहते नज़र आ रहे हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 22 नवंबर को 65 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद कई लोगों की दृष्टि चली गई थी या संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आंखे निकालनी पड़ी. माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट के लिए भेजे गए नमूनों से पुष्टि हुई है कि ऑपरेशन थियेटर संक्रमित था.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. जिले में 22 नवंबर को आयोजित एक मेडिकल कैंप में मोतियाबिंद के शिकार 65 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था. सर्जरी के बाद कई मरीज़ों ने आंखों में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर कई लोगों को अपनी आंखें निकलवानी पड़ी.
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल. बिहार में उल्टा हो रहा है. बोतल नाच नहीं रही है, बोतल के पीछे बिहार नाच रहा है. बिहार में बोतल मिल रही है लेकिन विधानसभा में बोतल का मिल जाना सारी कल्पनाओं की पराकाष्ठा है.
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा भवन परिसर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर दोपहिया वाहनों के पार्किंग स्थल के रूप में चिह्नित क्षेत्र में शराब की कुछ ख़ाली बोतलें मिली थीं, जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और उसके सेवन को रोक पाने में नीतीश सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया.
नीति आयोग के बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक के अनुसार, बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सर्वाधिक है, जिसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है. बाल और किशोर मृत्यु दर के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे नीचे है, इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश हैं.
मामला मधुबनी ज़िले का है, जहां बीत हफ्ते एक मामले की सुनवाई के दौरान दो पुलिसकर्मी अदालत कक्ष के भीतर दाख़िल हुए और झंझारपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार पर कथित तौर पर बंदूक तान दी और उन पर हमला कर दिया.