बिहार: ​मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा में कथित ज़हरीली शराब से चार लोगों की मौत

बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि कथित तौर ज़हरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं.​ पिछले साल दिवाली के समय ऐसी ही एक अन्य घटना में चार ज़िलों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

नीतीश कुमार. (फोटो: रॉयटर्स)

बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि कथित तौर ज़हरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं.​ पिछले साल दिवाली के समय ऐसी ही एक अन्य घटना में चार ज़िलों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

नीतीश कुमार. (फोटो: रॉयटर्स)

बिहार शरीफ: मद्य निषेध वाले राज्य बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के मुख्यालय में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने बीते शनिवार को यह जानकारी दी.

जान गंवाने वाले सभी चार लोगों की उम्र 50 से 55 साल के बीच थी और ये लोग सोहसराय थाना क्षेत्र के छोटी पहाड़ी और पहाड़ तल्ली इलाके के रहने वाले थे. परिवारवालों का दावा है कि बीते 14 जनवरी की देर रात शराब का सेवन करने के बाद चारों बीमार पड़ गए और इसके बाद उनकी मौत हो गई.

मृतकों की पहचान भागो मिस्त्री (55 साल), मुन्ना मिस्त्री (55 साल), धर्मेंद्र (50 साल) और कालीचरण मिस्त्री के रूप में की गई है.

मुन्ना मिस्त्री की बेटी ज्योति कुमार ने कहा, ‘मेरे पिता कल रात (14 जनवरी) शराब के नशे में घर आए और पेट में जलन की शिकायत की. उन्हें अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई.’

एक अन्य मृतक भागो मिस्त्री के एक संबंधी ने भी इसी तरह का बयान दिया.

वहीं, जिला प्रशासन ने अभी तक मौत के कारणों की पुष्टि नहीं की है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. डीएसपी शिब्ली नोमानी इस मामले में जांच का संचालन करेंगे.

बिहार शरीफ के उप-मंडल अधिकारी कुमार अनुराग ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही शराब सेवन करने की पुष्टि हो सकेगी.

बिहार में अप्रैल, 2016 में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, हालांकि इस पर अमल को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं.

पिछले साल दीपावली के आसपास बिहार के चार जिलों (पश्चिम चंपारण, गोपालगांज, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर) में अवैध शराब ने 40 से अधिक लोगों की जान ले ली थी, जिसके बाद बिहार में मद्य निषेध कानून को लेकर सवाल उठने लगे थे.

ताजा घटना के बाद बीते 14 जनवरी को पश्चिमी चंपारण से भाजपा सांसद संजय जायसवाल को लेकर जदयू के प्रवक्ता ने तीखी टिप्पणी की, जिस पर राज्य भाजपा अध्यक्ष जायसवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई.

जायसवाल ने कहा कि वह शराब के खिलाफ कानून की ‘समीक्षा’ करने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि इस कानून को भले ही नेक इरादे से बनाया गया हो, लेकिन इसके लागू होने के बाद से राज्य का नाम खराब हुआ है.

पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि दिसंबर 2021 तक शराबबंदी कानून के तहत 3.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए और चार लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.

26 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने किसी कानून का मसौदा तैयार करने में दूरदर्शिता की कमी के उदाहरण के रूप में बिहार के शराबबंदी कानून का हवाला दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)