इन चुनावों व उपचुनावों में भाग लेने वाले मतदाताओं ने जता दिया है कि नए विकल्प न भी हों तो वे मजबूर होकर सत्ताधीशों की मनमानियों को सहते नहीं रहने वाले. जो विकल्प उपलब्ध हैं, उन्हीं में उलट-पलटकर चुनते हुए सत्ताधीशों के अपराजेय होने के भ्रम को तोड़ते रहेंगे.
किसी भी गुजरात विधानसभा चुनाव में इससे पहले सर्वाधिक सीट जीतने का रिकॉर्ड 1985 में कांग्रेस की माधव सिंह सोलंकी सरकार के नाम था. तब कांग्रेस ने 149 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी. भाजपा ने 12 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की घोषणा की है.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीत चुकी है. भाजपा 25 सीट जीत चुकी है. तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मंडी की सेराज विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
आज़ादी के बाद से पहली बार भाजपा ने रामपुर विधानसभा सीट जीती है. आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज करवाने वाले भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा के आसिम राजा को 30 हज़ार से अधिक मतों से हराया है. इससे पहले सपा ने उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए फिर से मतदान कराने की मांग की थी.
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में जिग्नेश मेवाणी ने निर्दलीय विधायक के रूप में वडगाम सीट पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने इस सीट से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर उन्हें अपना समर्थन दिया था.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनकी पार्टी के राष्ट्रीय दर्जा पाने की घोषणा की है. पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बताया कि गुजरात में पार्टी को 35 लाख से अधिक वोट मिलने के बाद 'आप' राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. हालांकि, उनके इस दावे को निर्वाचन आयोग से मान्यता मिलना बाकी है.
साल 2002 के गुजरात दंगों के केंद्र में रही गोधरा सीट पर भाजपा के निवर्तमान विधायक सीके राउलजी ने 35,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की है. राउलजी वहीं भाजपा नेता हैं, जो बिलक़ीस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने के फैसले में शामिल थे और उन्हें ‘संस्कारी ब्राह्मण’ बताया था.
इसुदान गढ़वी खंभालिया सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे. उन्हें 18,000 से अधिक वोटों से भाजपा प्रत्याशी ने हराया. 'आप' के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी हार गए हैं. उन्हें 64,000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा है.
मोरबी सीट पर भाजपा उम्मीदवार कांतिलाल अमृतिया ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी को 62,079 मतों से हराया है. अक्टूबर महीने के अंत में मोरबी में हुए पुल हादसे में लगभग डेढ़ सौ लोगों की जान गई थी. मोरबी ज़िले की दो अन्य सीटों- टंकारा और वांकानेर में भी भाजपा ने जीत हासिल की है.
साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के बाद से 2022 के एमसीडी चुनाव इस क्षेत्र में होने वाले पहले बड़े चुनाव थे. चुनाव में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दो वार्ड में कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों को जीत मिली है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के अब तक के रुझानों में कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 27 सीटों पर आगे है और एक सीट पर उसे जीत मिल गई है. 3 सीट पर निर्दलीय भी बढ़त बनाए हुए हैं.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 150 सीटों पर, कांग्रेस 18 और आम आदमी पार्टी (आप) छह सीटों पर आगे चल रही है.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के शुरुआती रुझानों में उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर भाजपा पिछड़ गई है. वहीं, बिहार की कुढ़नी सीट पर जदयू, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में कांग्रेस, ओडिशा के पदमपुर में बीजद और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस आगे है.
माकपा नेता मोहम्मद सलीम की शिकायत पर अभिनेता और भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. उन्होंने दावा किया कि रावल ने बांग्लादेशियों, रोहिंग्या, बंगाली और मछली से गैस सिलेंडर को जोड़कर बंगालियों का अप्रिय संदर्भ दिया था.
हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 34 और कांग्रेस 33 सीटों पर आगे है. बहुमत का आंकड़ा 35 है.