द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.
उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रदर्शनकारियों के कथित 'अवैध निर्माण' को प्रशासन द्वारा तोड़ने की कार्रवाई पर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए देश के 12 पूर्व न्यायाधीशों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उन्हें आशा है कि अदालत ऐसे महत्वपूर्ण समय में नागरिकों और संविधान को निराश नहीं करेगी.
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जेएनयू की छात्रा आफ़रीन फ़ातिमा के पिता और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद के इलाहाबाद स्थित घर को बुलडोज़र चलाकर जमींदोज कर दिया था. यह क़दम पुलिस द्वारा जावेद को 10 जून को शहर में हुए प्रदर्शनों का ‘मास्टरमाइंड’ बताए जाने के बाद उठाया गया था. पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा नेताओं के बयानों के बाद उक्त प्रदर्शन हुए थे.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ कथित विवादास्पद टिप्पणी और उनके समर्थन में स्थानीय दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सांप्रदायिक तनाव के बाद पिछले गुरुवार को दोनों शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दो नई याचिकाएं दायर कर उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की कि राज्य में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई और निर्माण न गिराया जाए तथा इस तरह की कवायद पर्याप्त नोटिस देने के बाद ही की जाए. बीते 10 जून को हिंसा के बाद प्रशासन ने कई आरोपियों के घरों को बुलडोज़र चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर जो लोग शांतिपूर्वक विरोध जता रहे थे, उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, लाठीचार्ज किया जा रहा है और उनके घर तोड़े जा रहे हैं. जब तक कि किसी व्यक्ति को अदालत में दोषी नहीं पाया जाता, वह केवल आरोपी होता है. वहीं जमीयत ने कहा है कि पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल के किशोरों से दुश्मनों जैसा व्यवहार किया. यह
कुवैत के क़ानूनों के अनुसार खाड़ी देश में प्रवासियों द्वारा धरना या प्रदर्शन करने की मनाही है. यहां बीते 10 जून को पैगंबर मोहम्मद के समर्थन में प्रवासियों ने प्रदर्शन किया था. कुवैत उन कुछ देशों में से एक है, जिसने निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों को लेकर भारतीय राजदूत को समन भेजा था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित घृणास्पद भाषण यानी हेट स्पीच के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के संबंध में माकपा की नेता वृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका में दावा किया था कि दोनों ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग विरोध स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं.
पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों को लेकर पैदा हुए आक्रोश के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत सरकार ने इस्लामी देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिए जो प्रभावशाली क़दम उठाए हैं, उनके कमज़ोर होने का ख़तरा पैदा हो गया है. कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को, जो कुछ हो रहा है, उसके समर्थन के तौर पर देख रहे हैं.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जयपुर में जाट समाज के एक कार्यक्रम को में एमएसपी क़ानून लाने का समर्थन करते हुए कहा कि धरना ख़त्म हुआ है, आंदोलन नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के बतौर उनके कार्यकाल के चार महीने बाकी हैं, जिसके बाद वे किसानों के लिए काम करेंगे.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर बीते नौ जून को प्रदर्शन के दौरान जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में तनाव फैल गया था. डोडा के कई अन्य हिस्सों और नज़दीकी किश्तवाड़ ज़िले में एहतियाती क़दम के तौर पर निषेधाज्ञा के तहत सख़्त पाबंदियां लागू हैं, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को वैध पहचान-पत्र तथा प्रवेश-पत्र दिखाकर आने-जाने दिया जा रहा है.
भाजपा देर से ही सही नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल के विरुद्ध इतनी सख़्त हो गई कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए उनके बयानों से ख़ुद को अलग करती हुई उन्हें ‘शरारती तत्व’ क़रार दे रही है. सवाल ये है कि क्या वह अब तक उनका बचाव करते आ रहे नेताओं के साथ भी ऐसी सख़्ती बरतेगी और इनकी तरह उन्हें भी माफ़ी मांगने को मजबूर करेगी?
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी का विरोध करना मुसलमानों का संवैधानिक अधिकार है. पुलिस गोलीबारी, बुलडोज़र का इस्तेमाल और ‘अंधाधुंध तरीके से लोगों को गिरफ़्तार करके’ इस अधिकार का हनन करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए ‘शर्म की बात’ है.
शुक्रवार को औरंगाबाद में हुए एक प्रदर्शन के दौरान यहां से एआईएमआईएम सांसद और पूर्व पत्रकार इम्तियाज़ जलील ने नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर उन्हें (शर्मा को) फांसी देनी है तो उसी चौराहे पर देनी चाहिए. पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि पार्टी का रुख़ जलील के बयान से अलग है.
इस बीच भाजपा से निष्कासित पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक एफ़आईआर दर्ज की गई है. स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन एंड मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी के सामने प्रदर्शन किया.