बिहार: भागलपुर पुल हादसे से जुड़ी कंपनी भी चुनावी बॉन्ड की खरीदार

बिहार में भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल पहली बार 30 अप्रैल, 2023 को और फिर 4 जून को दूसरी बार ढह गया था. इसका निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने मई 2019 में एक ही दिन में 75 लाख रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.

ढही सिल्कयारा सुरंग निर्माण से जुड़ी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड पर 26 अक्टूबर, 2018 को आयकर छापे पड़े थे. इसके छह महीने बाद इसने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त खरीदी. 

चुनावी बॉन्ड सबसे बड़ा वसूली रैकेट, भाजपा का खाता फ्रीज़ कर कोर्ट को जांच करनी चाहिए: कांग्रेस

भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड योजना को ‘दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट’ बताया. वहीं, पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट से सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ उच्च स्तरीय जांच और उसके बैंक खातों को फ्रीज़ करने की मांग की.

‘रेता में कौनो जिनगी नाहीं बा महाराज! हम किस बेस पर वोट दें?’

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के महराजगंज और कुशीनगर ज़िले के 27 गांवों के क़रीब पचास हज़ार लोगों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा की है. आवाजाही के लिए सामान्य रास्ता बनने की बाट जोह रहे गंडक नदी पार के इन गांवों की पुल बनाने की मांग काफ़ी पुरानी है, जिसे लेकर वे पूछ रहे हैं कि पुल, सड़क नहीं हैं तो वोट क्यों दें.

झारखंडः कल्पना सोरेन का चुनावी कमान थामना झामुमो के लिए कितना फायदेमंद होगा

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन के सार्वजनिक जीवन में आने के बाद यह आकलन शुरू हो गया है कि लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन सकती हैं. निगाहें इस ओर भी हैं कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कल्पना क्या झामुमो की खेवनहार बनेंगी.

झारखंड: ईडी की छापेमारी के बाद कांग्रेस विधायक का दावा- भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था

झारखंड के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि उन्हें भाजपा की ओर से हज़ारीबाग़ से सांसद टिकट की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. ईडी ने मंगलवार को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर प्रसाद के रांची स्थित आधिकारिक आवास सहित उनसे जुड़े कई स्थानों पर 18 घंटे तलाशी ली थी.

सीएए नियमों पर विपक्ष ने कहा- भाजपा लोकसभा चुनावों में ध्रुवीकरण की कोशिश रही है

संसद द्वारा कानून पारित होने के चार साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ और धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले ‘विभाजनकारी’ अधिनियम को फिर से जीवित कर दिया है.

‘2024 लोकसभा चुनावों से पहले सबसे बड़े मुद्दे बेरोज़गारी और आर्थिक संकट हैं’

वीडियो: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश की अर्थव्यवस्था, नौकरियों की स्थिति और बेरोज़गारी पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा और युवा हल्ला बोल के अनुपम के साथ चर्चा कर रहे हैं योगेंद्र यादव.

लोकसभा चुनाव: अयोध्या में तो मुक़ाबला शुरू भी नहीं हुआ और उसकी ‘गर्मी’ ख़त्म हो गई!

भाजपा ने उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट (जिसके अंतर्गत अयोध्या आती है) पर अपने दो बार के सांसद लल्लू सिंह को ही तीसरी बार टिकट दिया है. ऐसे में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद चर्चा में आई अयोध्या में चुनावी मुक़ाबले में नएपन की उम्मीद कर रहे लोगों को ख़ासी नाउम्मीदी हुई है.

भाजपा सांसद बोले- पार्टी का 400+ सीटों का लक्ष्य इसलिए कि संविधान बदला जा सके

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत हेगड़े ने कहा है कि उनकी पार्टी 400 से अधिक सीटों का लक्ष्य इसलिए बना रही है कि उसके पास दो-तिहाई बहुमत रहे, तो संसद भारतीय संविधान में संशोधन करे. भाजपा ने इसे हेगड़े की 'निजी राय' बताया है.

उत्तर प्रदेश: गोरखपुर के 26 गांवों के किसानों ने कहा- उचित मुआवज़ा नहीं तो भाजपा को वोट नहीं

गोरखपुर ज़िले में नेशनल हाईवे 28 पर बाईपास निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का कम मुआवज़ा पाने से नाराज़ 26 गांवों के किसानों ने उचित मुआवज़ा न मिलने पर भाजपा को वोट न देने का नारा बुलंद करते हुए उनके गांव में 'भाजपा नेताओं का प्रवेश वर्जित' लिखे बैनर और पोस्टर लगाए हैं.

समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

क्या भारतीय स्टेट बैंक ‘प्रधानमंत्री चंदा छिपाओ’ योजना की तरह काम कर रहा है?

भारतीय स्टेट बैंक का सारा कामकाज डिजिटल प्रणाली से होता है. किसी भी तरह का रिकॉर्ड या जानकारी हासिल करना हो तो केवल एक क्लिक से हो जाता है. पर बैंक पूरे देश के सामने झूठ बोल रहा है कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी हासिल करने में काफी वक़्त लगेगा. यह झूठ किसके दबाव में बोला जा रहा है?

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