केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 के बाद से न तो किसी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख में कोई ज़मीन खरीदी है और न ही किसी बाहरी कंपनी ने इस केंद्रशासित प्रदेश में निवेश किया है. केंद्र ने जोड़ा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में 185 बाहरी लोगों ने ज़मीन खरीदी है.
वीडियो: स्कूली किताबों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस से संबंधित सामग्री को हटाए जाने के मसले पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
कई ट्रेड यूनियनों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विभिन्न राज्यों से आए श्रमिकों और किसानों के साथ एक रैली का आयोजन किया. आयोजकों ने कहा कि किसान-मज़दूर अपनी आजीविका के साधनों पर हो रहे हमले को समाप्त करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मानजनक जीवन की अनुमति देने वाली नीतियों के लिए आवाज़ उठाने आए हैं.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की राज्य सोशल मीडिया टीमों के लिए आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि वे संगठन के मूल्यों का पालन करें और विपक्ष चाहे जो भी विमर्श चुने, वे राजनीतिक विमर्श के स्तर को कम करने से बचें.
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि साल 2014 से 2020 के बीच 5,415 सांप्रदायिक दंगों की सूचना मिली है. अकेले साल 2019 में 25 सांप्रदायिक दंगे हुए हैं. अमित शाह ने बिहार में एक रैली के दौरान दावा किया था कि भाजपा के शासन में दंगे नहीं होते हैं.
1971 में बांग्लादेश के संघर्ष के वक़्त जब भारत कई हलकों में पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की तोहमतें झेल रहा था, लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि लोकतंत्र किसी देश का आंतरिक मामला नहीं हो सकता और उसका दमन सारे संसार की चिंता का विषय होना चाहिए.
रामनवमी का त्योहार के बाद बिहार और पश्चिम बंगाल कुछ शहरों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. बीते 1 अप्रैल की रात बिहार शरीफ़ शहर में दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में एक 16 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. इन घटनाओं के चलते तनाव व्याप्त है.
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे हम 2024 के क़रीब आ रहे हैं भाजपा सांप्रदायिक हिंसा, अभद्र भाषा, अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना, ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग के इस्तेमाल से विपक्ष को निशाना बनाना, जैसी योजनाओं पर काम कर रही है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता अक्षित अग्रवाल की शिकायत के आधार पर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि चौधरी ने अडानी मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था.
जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से बने माहौल में कांग्रेस इस नई और सकारात्मक छवि के बूते ख़ुद को सिर्फ और मजबूत कर सकती है. देश की सबसे पुरानी पार्टी का दायित्व है कि वह दूसरों के लिए जगह बनाए और किसी भी विपक्षी मोर्चे में इसे केंद्रीय भूमिका दिए जाने की मांग को इसके आड़े न आने दे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा कि ‘जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो कोर्ट पर सवाल उठाया जाता है... (क्योंकि) कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है.’ हालांकि, यह कहते हुए वे भूल गए कि लोकतंत्र की कोई भी अवधारणा ‘कोर्ट पर सवालों’ की मनाही नहीं करती.
कर्नाटक की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीते 27 मार्च के एक आदेश में मुस्लिम समुदाय को पिछड़ा वर्ग आरक्षण की पात्रता से बाहर कर दिया था. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के आरक्षण के लिए संविधान के तहत कोई प्रावधान नहीं है.
गुजरात के अहमदाबाद शहर में बीते 30 मार्च को सार्वजनिक स्थानों और सरकारी संपत्तियों पर ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ जैसे नारे लिखे पोस्टर लगाए गए थे. आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि गिरफ़्तार किए गए लोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं. पार्टी का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई से पता चलता है कि भाजपा डरी हुई है.
वीडियो: भाजपा राहुल गांधी के 'मोदी सरनेम' संबंधी बयान को इस तरह पेश कर रही है, जैसे दिखा सके कि वे 'पिछड़ा-विरोधी' हैं. भाजपा कहती है कि राहुल ने पूरे ओबीसी मोदी समुदाय का अपमान किया है, हालांकि यह उपनाम कई अन्य जातियां भी इस्तेमाल करती रही हैं. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.