मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन को लेकर कहा था कि किसानों को पता नहीं है कि वे क्या चाहते हैं क्योंकि उनके पास कोई एजेंडा नहीं है. उन्हें विपक्षी दलों द्वारा अपने हितों को साधने के लिए भड़काया जा रहा है.
किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली या गणतंत्र दिवस समारोहों को बाधित करने की कोशिश करने के अन्य प्रदर्शनों पर रोक लगाने की केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह क़ानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और फ़ैसला लेने का पहला हक़ पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए.
शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए नेताओं ने कहा कि उन्होंने पहले ही भाजपा को चेतावनी दी थी कि वे किसान विरोधी कृषि क़ानून वापस लें, लेकिन ऐसा करने के बजाय उल्टा क़ानूनों का समर्थन करने को कहा गया.
पिछले कुछ दिनों में एनआईए द्वारा कम से कम 13 लोगों को नोटिस भेजा गया है. इनमें किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिंधू, पंजाब के एक टीवी पत्रकार जसबीर सिंह और कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह शामिल हैं.
किसान संगठनों ने कहा कि वे गतिरोध को दूर करने के लिए सीधी वार्ता जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं. दूसरी ओर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नौवें दौर की वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. उन्होंने उम्मीद जताई कि 19 जनवरी को होने वाली बैठक में किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है.
मामला उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले का है. ज़िलाधिकारी ने बताया कि सभी 20 किसानों को जारी नोटिस पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दिया गया. कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में इन किसानों को पहले प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये के नोटिस जारी किए गए थे बाद में उसमें संशोधन कर 50 हज़ार रुपये किया गया था.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले का मामला. केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में किसान नेताओं को 50 लाख रुपये (प्रति नेता) के नोटिस जारी किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि ये नोटिस ग़लती से गए, जल्द ही 50 हजार रुपये के नए नोटिस जारी किए जाएंगे.
भारतीय किसान यूनियन ने मुज़फ़्फ़रनगर स्थित त्रिवेणी मिल के बाहर प्रदर्शन कर यहां काम कर रहे कश्मीरी कामगारों को वापस भेजने की मांग की है.