बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव के 22 वर्षीय बेटे हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले में रहते थे. मृतक के घरवालों ने साज़िश की आशंका जताई.
भारतीय लोकतंत्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह के जघन्य अपराध भुलाए नहीं जाएंगे और दोषी किसी क़ीमत पर नहीं बचेंगे.
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले में हुई एक अन्य घटना में ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कथित तौर पर लैपटॉप के साथ मिला बीएसएफ जवान ड्यूटी से हटाया गया. कांग्रेस ने ईवीएम स्टॉन्ग रूम की सुरक्षा बढ़ाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल की.
देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 18,460 पद खाली हैं, जबकि 10,738 पद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में खाली हैं.
चुनावों को मद्देनज़र राजनीतिक दल लोकप्रिय, त्वरित और दिखने में प्रभावशाली परिणाम चाहते हैं. लेकिन सेना के नेतृत्व को वो नहीं करना चाहिए, जो कोई सत्ताधारी पार्टी चाहती है.
आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017 में सबसे अधिक 36 जवानों ने आत्महत्या की. वहीं, 2009 में 13 जवानों ने, 2016 में 12 जवानों ने तथा 2011 में 11 जवानों ने आत्महत्या की है.
बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर सीमा पर तैनात जवानों को ख़राब खाना परोसने के लगाए आरोपों के साल भर बाद सेना ने यह कदम उठाया है. तेज बहादुर को बीते वर्ष बर्खास्त किया जा चुका है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से लेकिन अब तक कुल 115 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की, इन दस सालों में 2017 में सबसे ज़्यादा 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली.
जवान ने अधिकारियों जैसा भोजन, साप्ताहिक छुट्टी और शारीरिक दंड का रिवाज़ ख़त्म करने के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की आलोचना की थी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने कर्मचारियों के लिए जारी की एडवायजरी.
बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने सीमा रेखा पर तैनात जवानों को ख़राब गुणवत्ता का खाना परोसे जाने का आरोप लगाया था.
इस साल नौ जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर तेज बहादुर सिंह ने ख़राब खाना दिए जाने की शिकायत की थी.
समिति ने गृह मंत्रालय से पठानकोट और उड़ी हमलों की जांच जल्द से जल्द पूरी करने के लिए एनआईए को आदेश देने की सिफारिश की.
जम्मू कश्मीर में पिछले 15 वर्षों के दौरान तकरीबन तीन लाख 70 हजार हथियारों के लाइसेंस बांटे गए. जनसंख्या घनत्व के लिहाज़ से ये आंकड़ा देश में सबसे ज़्यादा है.