बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती ने फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. प्रदेश की सभी 403 सीटों पर बसपा बिना किसी गठबंधन के प्रत्याशी उतारेगी.
बरेली के बिथरी चैनपुर से भाजपा विधायक राजेश कुमार मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल विधायक ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सूचित किया गया था कि दो व्यक्ति उनके बारे में ‘गलत सूचना’ प्रसारित कर रहे हैं, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के विधायक दल का नेता रहते हुए अचानक इस्तीफ़ा देकर भाजपा का दामन थामा था. अब उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उन्होंने पांच साल तक पीड़ा में रहकर भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया. उनके इस्तीफ़े बाद बांदा के तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति और तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी भाजपा छोड़ दी है.
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे संक्रमण नहीं रुकने वाला है. सरकार को चाहिए वह इन रैलियों पर रोक लगाए. चुनावों की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग को पहला काम इन रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का करना चाहिए.
दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.
भाजपा उम्मीद कर रही है कि अयोध्या में बहुप्रतीक्षित मंदिर निर्माण आरंभ करने के बाद अब काशी विश्वनाथ को अभूतपूर्व भव्य स्वरूप दे देने से उन्होंने आम हिंदू वोटर के दिल को छू लेने में सफलता प्राप्त कर ली है.
चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को क़ानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र द वायर की टीम राज्य के बुलंदशहर ज़िले के डिबाई विधानसभा पहुंची और महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता की राय मांगी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में चुनावी हलचल होनी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस के अलावा सत्तारूढ़ भाजपा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुट गई हैं. द वायर की टीम ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के नरौरा जाकर लोगों से आने वाले चुनाव के संबंध में प्रतिक्रिया ली और उनका मूड जानने की कोशिश की.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही हैं. हर पार्टी अपने वोटर को हाथ से जाने नहीं देना चाहती. उनकी नज़र राज्य के मुस्लिम वोटर पर है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने लखनऊ के मुस्लिम समुदाय से बात की और वहां बन रहे चुनावी समीकरण को जाना.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग जातिवाद, क्षेत्रवाद, बेईमानी और भ्रष्टाचार फैलाते थे, दंगे करवाते थे. हमारी सरकार आई तो हमने प्रदेश को दंगा मुक्त किया और साढ़े चार वर्ष में एक भी दंगा नहीं हुआ.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा से गठबंधन करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत. राजभर ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था. उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तनातनी के बाद 2019 के आम चुनाव से पहले वह पद से इस्तीफ़ा देकर भाजपा से अलग हो गए थे.
वीडियो: अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले द वायर की टीम राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद इलाके में जाकर लोगों की राय जानी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर तंज़ कसते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के लिए भाजपा को कोई सम्मान नहीं है, क्योंकि इसके नेताओं ने देश की आज़ादी के लिए ख़ून-पसीना नहीं बहाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल विकास किया है, बल्कि भाईचारे और सद्भाव को भी बढ़ावा दिया है.
वीडियो: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले लगातार सभाओं में भाग ले रही हैं. बीते दिनों गोरखपुर में ऐसी ही एक रैली को संबोधित करते हुए हुए उन्होंने कहा कि मर जाऊंगी, जान दे दूंगी, लेकिन भाजपा के साथ कभी मिलावट नहीं होने दूंगी. प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति पर वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी और निवेदिता झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने बातचीत की.