'मिसाल दी जाती है कि छोटा मुंह बड़ी बात. लेकिन यहां तो बड़ा मुंह छोटी बात हो रही है. प्रधानमंत्री नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. अरे! 1.31 अरब के वज़ीरे आज़म! भूखे को रोटी दो. नंगे को कपड़ा दो. कब्रिस्तान और श्मशान मत दो.'
यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयानों पर संज्ञान लेते हुए चुुनाव आयोग ने आत्मसंयम बरतने की नसीहत दी है.
जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.
यूपी चुनाव में दल बेरोज़गार युवाओं का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं. कहीं 500 रुपये दिहाड़ी पर तो कहीं बाइक में फुल टंकी तेल भराकर रैलियों के लिए भीड़ जुटाई जा रही है.
‘जन की बात’ की सातवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राजनीति में परिवारवाद और विजय माल्या व आर्म्स डीलर संजय भंडारी के विदेश भागने के प्रकरण पर चर्चा कर रहे हैं.
तुलसीदास का निषाद प्रभु राम से विवाद बढ़ाने से डरता था जबकि 2017 में निषादों ने राजनीति के अखाडे़ में ताल ठोक दी है. उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में निषाद एक बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे दौर में बसपा और सपा की सीधी टक्कर है, यह देखना दिलचस्प होगा कि इनकी लड़ाई में भाजपा अपना फ़ायदा कैसे ढूंढ पाती है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में एक रैली के दौरान विपक्षी दलों की तुलना ‘कसाब’ से की है.
चुनावी नारों की भारत की राजनीति में बड़ी भूमिका रही है. जुमलेबाजी के इस दौर में एक निगाह डालते हैं उन नारों पर जो नेता से लेकर जनता के बीच काफी चर्चित रहे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 35-40 फीसदी प्रत्याशियों का अापराधिक रिकॉर्ड है. कई अपराधों को वैचारिक वैधता भी मिल चुकी है क्योंकि इसके दोषियों को सज़ा के बजाय कोई बड़ी ज़िम्मेदारी या पद दे दिया जाता है. भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष इसका सटीक उदाहरण हैं.
आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कवर करने के क्रम में उन्नाव आया हूं. उन्नाव रेलवे स्टेशन के पास चौराहे पर निराला की प्रतिमा लगी है. इसका भी एक इतिहास है जो ज़िले की राजनीति की झलक दिखाता है.
उम्मीदवारों के चयन से उभरे असंतोष और मतदाताओं में बदले जातीय गुणा-गणित से यूपी इलेक्शन के तीसरे चरण में समाजवादी पार्टी की राह मुश्किल हो सकती है
एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई होगी.
लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों मुलायम सिंह यादव पर चटखारेदार बहसें हो रही हैं.