12 अप्रैल को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने से पहले सुनील अरोड़ा ने आखिरी फ़ैसले के रूप में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के केंद्रीय बलों के ख़िलाफ़ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के लिए यह प्रतिबंध लगाया है. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि आयोग भाजपा शाखा की भांति कर रहा है बर्ताव.
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने लोकसभा चुनाव के दौरान पांच मौकों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव आयोग द्वारा दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था.
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर हिंसा की मामूली वारदात देखने को मिली, हालांकि कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण रहा. अभी दूरदराज़ के कई नक्सल प्रभावित इलाकों से अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है. वहां की रिपोर्ट आने के बाद मतदान का प्रतिशत और बढ़ने की संभावना है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि राजनीतिक दल साथ बैठ कर सर्वसम्मति पर नहीं पहुंच जाते हैं और कानून में जरूरी संशोधन नहीं लाया जाता है.
बिहार में भाजपा की एक अन्य सहयोगी जदयू ने भी झारखंड चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान किया है. वहीं, झारखंड में भाजपा की सहयोगी एजेएसयू ने भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने का एकपक्षीय ऐलान कर दिया है.
राज्य में 30 नवंबर को पहले चरण, सात दिसंबर को दूसरे चरण, 12 दिसंबर को तीसरे चरण, 16 दिसंबर को चौथे और 20 दिसंबर को पांचवें एवं आखिरी चरण का मतदान होगा.
हरियाणा में कुल 1.82 करोड़ और महाराष्ट्र में कुल 8.94 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाली शिकायतों पर किए गए फैसलों पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति व्यक्त की थी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफ़ारिश की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफ़ा सौंप दिया था.
इस लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग में मतदाताओं का भरोसा कम हुआ है. ऐसा होना किसी लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है.
असहमति के मत को आयोग के फैसले का हिस्सा बनाने के मामले में चुनाव आयोग ने मौजूदा व्यवस्था को ही बरक़रार रखते हुए कहा कि असहमति और अल्पमत के फैसले को आयोग के फैसले में शामिल कर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आचार संहिता के उल्लंघन के पांच मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिए गए क्लीनचिट का विरोध किया था.
नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय पर नीति आयोग के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए बीते एक मई को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली सभी बैठकों से ख़ुद को अलग करने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विवाद खड़ा होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जवाब दिया.
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने 4 मई से ही चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली सभी बैठकों से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने कहा है कि वे चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली बैठकों में तभी शामिल होंगे जब अलग मत वाले और असंतोष जताने वाले फैसलों को भी आयोग के आदेशों में शामिल किया जाएगा.