झारखंड के आदिवासी बहुल ज़िलों में एनआरसी के वादे पर भाजपा का प्रचार कर रहा है संघ: रिपोर्ट

झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों मेें आरएसएस पर्चे बांट रहा है जिसमें मतदाताओं से उस पार्टी को चुनने के लिए कहा गया है जो 'घुसपैठियों' की पहचान करने के लिए एनआरसी का वादा करती है, 'लव जिहाद' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

जनगणना आयुक्त के कार्यकाल विस्तार से 2025 में जनगणना की उम्मीद, कांग्रेस की सर्वदलीय बैठक की मांग

भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण का कार्यकाल दिसंबर 2024 से बढ़ाकर अगस्त 2026 तक कर दिया गया है, जिसके बाद कांग्रेस का कहना है कि जनगणना आयोजित होने वाली है और इसके लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए.

आंध्र प्रदेश: जातिगत जनगणना के समर्थन में सीएम नायडू, कहा- इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं

एन. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का हिस्सा है, जो जातिगत जनगणना के विरोध में रही है. अब नायडू ने कहा है कि जातिगत जनगणना से लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और देश में आर्थिक असमानता को कम करने के लिए उस भावना का सम्मान किया जाना चाहिए.

जनगणना में देरी पर सवाल उठाने वाली सांख्यिकी समिति को केंद्र ने भंग किया

केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता में सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति का गठन किया था, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि वह सर्वेक्षण पद्धति पर केंद्र सरकार को सलाह देगी. सेन का कहना है कि समिति को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया गया.

कमज़ोर जनजातीय समूहों की जनसंख्या के आकलन में सरकार के सामने दिक्कतें, योजना अधर में

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए सरकार के 24,000 करोड़ रुपये के ‘पीएम-जनमन’ पैकेज के कार्यान्वयन के लिए जनसंख्या की जानकारी महत्वपूर्ण है. हालांकि सरकार पिछले तीन महीनों में कुल पीवीटीजी आबादी के लिए तीन भिन्न अनुमानों पर पहुंची है. अधिकारियों का कहना है कि ये आंकड़े अंतिम नहीं हैं.

केंद्रीय बजट 2024-25: चालू वर्ष में संशोधित राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत, आयकर में कोई बदलाव नहीं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आख़िरी बजट पेश किया. सरकार ने मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये, जबकि जनगणना के लिए महत्वपूर्ण कमी के साथ 1,277.80 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बजट में ग्रामीण विकास पर 2,65,808 करोड़ रुपये ख़र्च करने की उम्मीद है.

क्या जातिगत जनगणना समाज की असलियत बताती है?

वीडियो: बिहार में जाति आधारित जनगणना, देश में मंडल राजनीति पर दोबारा चर्चा शुरू होने और आरक्षण के मुद्दे पर होने वाले टकरावों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से इंद्र शेखर सिंह की बातचीत. 

क्या मंडल 2.0 कमंडल को हराएगा?

वीडियो: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में हुए जातिगत सर्वे के बाद 75% आरक्षण लागू करने और इसके निहितार्थों पर सत्तारूढ़ जदयू के वरिष्ठ सांसद केसी त्यागी और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से इंद्र शेखर सिंह की बातचीत. 

बिहार की जातिगत जनगणना का राजनीति पर क्या असर पड़ेगा?

वीडियो: बिहार की जातिगत जनगणना को लेकर राजनीतिक बहस बढ़ती जा रही है, इसका क्या असर पड़ेगा? इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार जावेद अंसारी से बातचीत.

‘बिहार जाति सर्वे के आंकड़े पूछेंगे कि धर्म के नाम पर जातियों को क्यों उनके हक़ से महरूम किया गया’

वीडियो: बिहार में जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

बिहार: जातिगत सर्वे के नतीजे जारी, कुल आबादी का 63 फीसदी हिस्सा ओबीसी

बिहार सरकार द्वारा जारी जाति-आधारित सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से ज़्यादा है, जिसमें पिछड़ा वर्ग 27.13 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी और सामान्य वर्ग 15.52 फीसदी है.

प्रधानमंत्री को महिलाओं की फ़िक्र है या उनके वोटों की?

वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

क्या महिला आरक्षण विधेयक मोदी सरकार का जुमला भर है?

वीडियो: मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक, 2023 पेश किया है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया. 

जातिवार जनगणना किसे नागवार है?

जातिवार जनगणना के विरोधियों का आग्रह है कि यह विभाजक पहल है क्योंकि यह जातिगत अस्मिताओं को बढ़ावा देगी, समाज में द्वेष पैदा करेगी. यह तर्क सदियों पुराना है और स्वतंत्रता संग्राम के समय से सत्ता-समीप हलको ने इसका सहारा लिया है. यह कथित ‘उच्च’ जातियों का नज़रिया है, भले ही इस पर प्रगतिशीलता की चादर डाली जाए.

बिहार के जाति सर्वेक्षण पर बचाव में दिखी मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट में बदला हलफ़नामा

केंद्र ने सोमवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफ़नामा दायर किया है, जिसमें कहा गया कि पिछले हलफ़नामे में एक पैराग्राफ 'अनजाने में छूट गया' था. उक्त पैरा में लिखा था कि 'संविधान के तहत या अन्यथा कोई अन्य निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं रखता है.'

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