सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से सूचना आयोगों में ख़ाली पदों को जल्द भरने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों के रिक्त पदों को जल्द भरने का निर्देश दिया है. वर्तमान में सीआईसी में वर्तमान में आठ पद खाली हैं, वहीं पांच राज्यों के सूचना आयोग काम नहीं कर रहे हैं.

केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को लेकर एनसीपीआरआई का पीएम मोदी और राहुल गांधी को पत्र

एनसीपीआरआई ने 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्ष के नेताओं को उनके प्रदेश के संबंधित राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को भरने के लिए भी पत्र लिखा है. फिलहाल पांच राज्यों में सूचना आयोग काम नहीं कर रहे हैं.

सीबीआई को सूचना के अधिकार अधिनियम से पूरी छूट प्राप्त नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीईसी) के नवंबर 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर यह आदेश पारित किया. सीईसी के फैसले में एजेंसी को भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी को कथित भ्रष्टाचार संबंधित मामले की कुछ जानकारी देने का निर्देश दिया गया था.

हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स फंड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के सीआईसी के आदेश को रद्द किया

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आयकर विभाग को कहा था कि वह सूचना के अधिकार के तहत पीएम केयर्स फंड को दी गई कर छूट संबंधी जानकारी का ख़ुलासा करे. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि आयकर अधिनियम आरटीआई अधिनियम से अधिक प्रबल होता है. संबंधित जानकारी केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्रदान की जा सकती है.

आरटीआई के तहत मांगी गई ‘आरोग्य सेतु’ ऐप से जुड़ी जानकारी पर केंद्र हलफनामा दायर करे: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग के नवंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी. अदालत ने ऐप से संबंधित फाइल नोटिंग और इसके निर्माण तथा विकास में शामिल लोगों के बीच हुए संचार के अलावा अन्य जानकारियों को हलफ़नामे में शामिल करने का निर्देश दिया है.

सीबीआई निदेशक पद से जबरन हटाए गए आलोक वर्मा अपने हक़ के लिए भटकने को क्यों मजबूर हैं

पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग में दिए दो आवेदनों से पता चला है कि कैसे एकाएक उनके करिअर की समाप्ति के बाद से सरकार ने उनकी पिछली सेवा संबंधी पूरी जानकारी को ज़ब्त कर लिया. इसके बाद उनकी पेंशन, चिकित्सा पात्रता और ग्रैच्युटी समेत सभी सेवानिवृत्ति बकाये, यहां तक कि भविष्य निधि भुगतान भी देने से इनकार कर दिया गया.