छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा ने जून 2021 में आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत मामला दर्ज किया था. उनके और उनके क़रीबियों कई ठिकानों पर तलाशी में 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगा था. ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच के दौरान सिंह अनेकों बार नोटिस जारी होने के बावजूद न कार्यालय में उपस्थित हुए और न ही उन्होंने जांच में सहयोग किया.
छत्तीसगढ़ के मामला सरगुजा ज़िले का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कई ग्रामीण एक स्थान पर मुस्लिम समुदाय का सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार करने की शपथ लेते दिखाई देते हैं. सरगुजा के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वीडियो में नज़र आ रहे लोगों की पहचान होने के बाद केस दर्ज किया जाएगा.
कालीचरण महाराज को छत्तीसगढ़ में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में 30 दिसंबर 2021 को रायपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका एक अदालत ने ख़ारिज कर दी है. उनके समर्थन में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि संतों के प्रति ‘थोड़ा-सा लिबरल’ रहा जाना चाहिए.
हरिद्वार में 17-19 दिसंबर के बीच हिंदुत्ववादी नेताओं और कट्टरपंथियों द्वारा आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों को ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण दिए गए, यहां तक कि उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया. इसके बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी इसी तरह का आयोजन हुआ था.
हरिद्वार में कई अखाड़ों ने मिलकर 28 दिसंबर को 21 धार्मिक नेताओं की एक कोर समिति का गठन किया है. धार्मिक नेताओं ने बताया कि उन्होंने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में बदलने के अपने अभियान को तेज़ करने का भी फ़ैसला किया है. अब आगे इस तरह की तीन और धर्म संसद अलीगढ़, कुरुक्षेत्र और शिमला में होंगी.
छत्तीगढ़ की रायपुर पुलिस ने बताया कि कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो शहर के पास से गिरफ़्तार किया गया है. रायपुर में बीते 26 दिसंबर को दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में कालीचरण महाराज ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में महात्मा गांधी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. केस दर्ज होने के बाद उन्होंने कहा है कि वह गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते हैं और सच बोलने की सज़ा मौत है तो वह उन्हें मंजूर है.
बीजापुर ज़िले के धुर नक्सल प्रभावित बेचापाल में 30 नवंबर से ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि उन्हें स्कूल, अस्पताल तो चाहिए लेकिन कैंप और पक्की सड़क नहीं. उनका दावा है कि यदि रोड बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी, लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में डाला जाएगा.
छत्तीसगढ़ शासन ने रायपुर ज़िले के सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले रायपुर में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में महात्मा गांधी पर हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज ने कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी. रायपुर में केस दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने कालीचरण के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
रायपुर में 25-26 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय 'धर्म संसद' में 20 हिंदू धर्मगुरुओं ने शिरकत की थी. इस दौरान 'सनातनी हिंदुओं से हथियार उठाने की' अपील की गई और 'हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए तैयार रहने' को भी कहा गया.
‘हिंदुत्ववादी’ संगठनों की अतीत की अलोकतांत्रिक करतूतों के चलते उनकी कार्रवाइयां अब किसी को नहीं चौंकातीं. लेकिन एक नया ट्रेंड यह है कि जब भी वे किसी कलाकार के पीछे पड़ते हैं, तब लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाली सरकारें, किसी भी पार्टी या विचारधारा की हों, कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में नहीं खड़ी होतीं, न ही उन्हें संरक्षण देती हैं.
दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले कथित पूर्व नक्सलियों के लिए बनाए गए डिटेंशन कैंप ‘शांति कुंज’ का अस्तित्व क़ानूनी दायरों से परे है.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.
कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को 'विवादित' शख़्सियत बताया है.
परसा पूर्व व केटे बेसन कोयला ब्लॉक पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का स्वामित्व है और इसका संचालन अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा किया जाता है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति की 28 अक्टूबर की बैठक में राज्य सरकार ने समिति के समक्ष इसे तत्काल मंज़ूरी देने का अनुरोध किया था.