छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा ने जून 2021 में आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत मामला दर्ज किया था. उनके और उनके क़रीबियों कई ठिकानों पर तलाशी में 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगा था. ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच के दौरान सिंह अनेकों बार नोटिस जारी होने के बावजूद न कार्यालय में उपस्थित हुए और न ही उन्होंने जांच में सहयोग किया.
रायपुर: छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले के आरोपी तथा निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह को हिरासत में ले लिया है.
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ईओडब्ल्यू ने गुड़गांव में सिंह को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.
ईओडब्ल्यू ने भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी सिंह के खिलाफ पिछले वर्ष 29 जून को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था.
इसके बाद ईओडब्ल्यू के दल ने एक जुलाई से तीन जुलाई के मध्य उनके और करीबियों के लगभग 15 ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई कर 10 करोड़ रूपए की संपत्ति का पता लगाया था.
राज्य में ईओडब्ल्यू के निदेशक आरिफ शेख ने बताया कि मामले की जांच के दौरान सिंह को अनेकों बार नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने न जांच में सहयोग किया और न ही कार्यालय में उपस्थित हुए.
सिंह को उच्चतम न्यायालय से भी इस मामले में राहत नहीं मिली है.
शेख ने बताया कि मंगलवार को ईओडब्ल्यू के एक दल ने सिंह को पूछताछ के लिए गुड़गांव से हिरासत में ले लिया. सिंह को रायपुर लाया जाएगा तथा स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा. बाद में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जीपी सिंह के ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने सिंह को निलंबित कर दिया था. बाद में पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने जब सिंह के निवास और उनके निकट संबंधियों के स्थानों पर छापे की कार्रवाई की तब उन्हें वहां कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिसके आधार पर सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया.
प्राथमिकी में पुलिस ने कहा था कि एसीबी ने सिंह के परिसरों में अपनी तलाशी के दौरान गंभीर संवेदनशील जानकारी और सरकार तथा उसकी नीतियों के खिलाफ भड़काऊ लेख वाले दस्तावेज बरामद किए थे.
प्राथमिकी में कहा गया था, ‘दस्तावेजों में विभिन्न जन प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों का गुप्त विश्लेषण था. धार्मिक आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दस्तावेज भी मिले हैं. जांच करने पर यह पाया गया कि लेखन सांप्रदायिक और जातीय हिंसा पैदा करने और कानून द्वारा बनाई गई सरकार के प्रति नफरत पैदा करने के लिए प्रेरित थे.’
प्राथमिकी के अनुसार, सिंह और उनके सहयोगियों के घरों से समान जानकारी वाले 48 पृष्ठ के दस्तावेज बरामद किए गए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)