योगी सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दो हज़ार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की सिफ़ारिश की है. सरकार के पास मुआवज़े के लिए कुल 3,092 आवेदन आए थे, जिनमें से 2,020 को पात्र माना गया है.
विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित जनसंख्या क़ानून को ज़रूरी बताते हुए कहा कि बढ़ती आबादी प्रदेश के विकास में बाधा बनी हुई है. पर क्या यह बाधा अचानक आ खड़ी हुई? अगर नहीं, तो इसे लेकर तब उपयुक्त कदम क्यों नहीं उठाए गए, जब उनकी सरकार के पास उसे आगे बढ़ाने का समय था?
योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के तहत दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक होगी. यदि इस आधार पर राज्य के भाजपा विधायकों का मूल्यांकन किया जाएगा, तो इनके पचास फीसदी इस कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे.
भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ दल द्वारा धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इन चुनावों में अनैतिक रास्ते तय किए गए. इस रास्ते से चंद दिनों के लिए महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो सकती है, पर लंबे समय तक इसे सुरक्षित नहीं रखा जा सकता.
विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का प्रारूप जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस प्रारूप में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का प्रस्ताव है.
उत्तर प्रदेश में बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली थी. प्रतापगढ़ ज़िले की थाना आसपुर देवसरा पुलिस ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में कथित फ़र्ज़ी मतदान को लेकर पुलिस पर किए गए पथराव, गोलीबारी और तोड़फोड़ के आरोप में बीते 10 जुलाई की रात सपा के एक पूर्व विधायक सहित 161 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या के प्रयास
उत्तर प्रदेश में शनिवार को पंचायत ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली. इटावा में पथराव और गोलीबारी हुई, जहां से सामने आए एक वीडियो में पुलिसकर्मी भाजपा सदस्यों द्वारा उनसे मारपीट और बम लाने की बात कहते सुनाई दिए. साथ ही एक पत्रकार ने उन्नाव में चुनाव की रिपोर्टिंग के दौरान मुख्य विकास अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें पीटने की बात कही है.
विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस प्रारूप में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का प्रस्ताव है.
न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्टर निधि सुरेश के ख़िलाफ़ यह एफआईआर न्यूज़ 18 के पत्रकार दीप श्रीवास्तव की शिकायत पर दर्ज की गई है. निधि की एक रिपोर्ट में यूपी की एक महिला ने आरोप लगाया था कि उनके धर्म परिवर्तन संबंधी ख़बर बनाने को लेकर दीप ने उन्हें धमकाया और पैसे लिए.
अयोध्या के एक पत्रकार पाटेश्वरी सिंह ने दावा किया कि एक भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ खबर लिखने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें मंगलवार शाम पांच-छह लोगों ने पीटा है. पुलिस का कहना है कि अभी अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है, पर्याप्त जांच के बाद ही विधायक का नाम जोड़ा जाएगा.
एके शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में आने के बाद उन्हें पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया था.
उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ियाबाद के लोनी में यह घटना बीते पांच जून को हुई. घटना से संबंधित वीडियो कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें बुलंदशहर निवासी अब्दुल समद सैफी को कम से कम दो आरोपियों द्वारा पीटते हुए देखा जा सकता है. इनमें से एक सैफी को मारता है और उनकी दाढ़ी काटने की कोशिश करता है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में कोविड प्रबंधन को लेकर भाजपा दो धड़े में बंटी हुई नज़र आ रही है. एक धड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ है तो दूसरा उनके साथ खड़ा है. इसी बीच गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश भेजकर प्रधानमंत्री ने अपनी दखल दे दी है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान और सिद्धार्थ कलहंस से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
स्कूली शिक्षा महानिदेशक की रिपोर्ट के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में कोविड-19 संक्रमण से शिक्षकों सहित 1,474 कार्मिकों की मृत्यु हुई है. इसके साथ ही पिछले वर्ष से अब तक 812 कर्मचारियों ने नॉन-कोविड कारणों से जान गंवाई है. हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि कोविड से हुईं मौतें किस अवधि की हैं.
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले में नेपाल से लगे बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र का मामला. मुख्य चिकित्सा अधिकारी घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई, उनमें से किसी में भी अभी तक कोई समस्या देखने को नहीं मिली है. ज़िम्मेदार लोगों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.