उन्नाव ज़िले में एक 13 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर 22 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर दी गई, क्योंकि दूल्हे ने उसकी बड़ी बहन ने शादी करने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने दूल्हे, लड़की के परिवार, शादी कराने वाले पुजारी और समारोह में शामिल होने वाले 111 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में ग़ौहरगंज स्थित शिशु गृह का मामला. आरोप है कि यहां रह रहे तीन बच्चों का धर्म परिवर्तन कर उनके नाम बदल दिए गए हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने शिशु गृह संचालक हसीन परवेज़ के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर का मामला. 13 वर्षीय दलित लड़की की मां ने आरोप लगाया कि 30 अगस्त को बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने थाने गए थे तो दो पुलिसकर्मियों ने बेटी पर बयान बदलने का दबाव बनाया और उसे पीटने के साथ पूरी रात थाने में रखा गया था.
माकपा से संबद्ध छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पूर्व नेता अनुपमा ने आरोप लगाया है कि एक साल पहले जब उनका बच्चा पैदा हुआ तो उनके माता-पिता ने बच्चा उनसे ले लिया और पुलिस में बीते अप्रैल माह से से कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया गया. अनुपमा माकपा की स्थानीय समिति के सदस्य पीएस जयचंद्रन की बेटी हैं.
एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.
मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.
साल 2018 में उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बाल गृहों में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने देश के सभी बाल गृहों की सामाजिक ऑडिट करने का आदेश दिया था. ऑडिट किए गए 7,163 बाल गृहों में से 1,504 में अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जबकि 434 के शौचालयों और स्नानगृह में निजता की व्यवस्था नहीं है.
कानपुर पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पुरुष औरतों को नारेबाज़ी के लिए भड़का सकते हैं या फिर क़ानून व्यवस्था भंग कर सकते हैं. इसलिए नोटिस भेजकर बॉन्ड की राशि भरने को कहा गया है. लखनऊ के घंटाघर में धरनास्थल से बच्चों को हटाने का निर्देश. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोग पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं.