नगा समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने कहा कि कट्टरपंथी मेईतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल द्वारा ईसाइयों को परेशान करने और शारीरिक हमले के साथ परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी है, जो शांति और सहिष्णुता के लिए ख़तरा है.
कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें सौंपे गए एक पत्र में कहा गया है कि गरीब, दलित और आदिवासी ईसाई अक्सर भेदभाव और बहिष्कार का सामना करते हैं.
दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों का उल्लेख करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, हेट स्पीच, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को तोड़ने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को दर्ज किया है.
नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के संदर्भ में कहा कि मामलों की सुनवाई अदालत में हो रही है, अयोध्या विवाद का समाधान भी अंततः अदालतों के माध्यम से ही निकला. अगर मामला न्यायपालिका द्वारा हल किया जा सकता है तो समान पैमाने के आंदोलन की आवश्यकता कहां है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस केएम जोसेफ एक कार्यक्रम में संविधान से 'धर्मनिरपेक्षता' का संदर्भ हटाने की मांग का ज़िक्र करते हुए कहा कि विविधता में एकता का अर्थ यह नहीं है कि आप विविधता को मिटा सकते हैं. इसका मतलब यह भी नहीं हो सकता कि आप विविधता को मिटाकर एकता हासिल कर लेंगे.
छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में बीते 21 जनवरी को एक हिंदुत्व समूह द्वारा ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को पीटने की घटना सामने आई है. आरोप है कि हमलावार वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर समारोह से संबंधित रैलियों में भाग ले रहे थे. हिंदूत्व समूह ने भी ईसाई समूह पर पथराव के आरोप में केस दर्ज कराया है.
25 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित क्रिसमस लंच में शामिल ईसाई लोगों को लेकर जारी एक बयान में कहा गया है कि साल 2014 के बाद ईसाइयों पर हो रहे लक्षित हमलों के अलावा मणिपुर और अन्य जगहों पर हमारे लोगों के साथ जो हो रहा है, उसे देखते हुए उनके पास इस निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करने का मौका था.
बेंगलुरु आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आवास पर क्रिसमस समारोह रखने को लेकर उनका धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को हेट स्पीच और चर्च पर हमलों जैसे ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.
इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.
बीते 29 अक्टूबर को केरल के कोच्चि ज़िले के कलामासेरी में एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. इस घटना को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और एक समाचार चैनल तथा इसकी संपादक के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया गया है.
बीते 29 अक्टूबर को केरल के कोच्चि ज़िले में ईसाई प्रार्थना सभा में हुए बम विस्फोट की कवरेज को लेकर समाचार चैनल ‘रिपोर्टर टीवी’ और इसकी समन्वयक संपादक सुजया पार्वती के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. उन पर समाचार कवरेज के माध्यम से विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप है.
केरल के कोच्चि कलामासेरी में एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है. भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसके लिए ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ और मुस्लिम समूह को ज़िम्मेदार ठहराया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि उनका बयान उनके सांप्रदायिक एजेंडे पर आधारित है.
केरल के कोच्चि ज़िले में कलामासेरी स्थित ज़मरा इंटरनेशनल कनवेंशन एंड एक्जीबिशन सेंटर में ईसाई संप्रदाय जेहोवाह विटनेसेस की प्रार्थना सभा के दौरान बम विस्फोट की घटना हुई. केरल पुलिस ने बताया कि विस्फोटों के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने कहा है कि फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
हमास-नियंत्रित आंतरिक मंत्रालय ने कहा है कि ग़ाज़ा स्थित ऑर्थोडॉक्स ग्रीक चर्च पर इज़रायल के हवाई हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है. जब हमला हुआ तक यहां ईसाई और मुस्लिम समुदाय के क़रीब 500 लोग शरण लिए हुए थे. इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद इन्हें विस्थापित होना पड़ा था.