असम मंत्रिमंडल ने मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने कहा कि हमारे पास अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं हैं, अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग विभाग है. लेकिन अल्पसंख्यक कौन हैं? कोई पहचान नहीं है. उनकी पहचान करने की ज़रूरत है, ताकि ऐसी योजनाएं उन तक पहुंच सकें.
जो भारत अब तक बना था, जिसे हम यहां की प्रकृति और किताबों में पढ़ते थे ऐसा लगता है कि वह ‘आज़ादी के अमृत काल’ में विष के समुद्र में लगातार धकेला जा रहा है.
यह पांचवीं बार है जब गृह मंत्रालय नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नियमों को तैयार करने के लिए समय के विस्तार की मांग कर रहा है. इससे पहले, 9 जनवरी को केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते नियम बनाने में देरी का हवाला देते हुए तीन महीने के विस्तार की मांग की थी. इस बार मंत्रालय ने 9 अक्टूबर तक का समय मांगा है.
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक याचिका में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग अधिनियम-2004 की धारा-2 (एफ) की वैधता को चुनौती दी है. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि राज्य सरकारें भी अपने राज्य की सीमा में हिंदू समेत अन्य धार्मिक और भाषाई समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं.
सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.
कर्नाटन के कोलार ज़िले में स्थित मुलबगल सोमेश्वरा पालया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल का मामला. बीते 22 जनवरी को हिंदू संगठनों और अभिभावकों के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद इसमें शामिल पूर्व छात्रों में से एक ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कोलार सांसद और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कालीचरण के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मामले दर्ज किए गए हैं. पुणे की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कालीचरण के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मामले दर्ज किए गए हैं. पुणे पुलिस ने एक अन्य कार्यक्रम में कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में बीते सप्ताह उन्हें गिरफ़्तार किया था, जिसमें कोर्ट ने सात जनवरी को उन्हें ज़मानत दे दी थी.
पुणे पुलिस ने धार्मिक नेता कालीचरण महाराज, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे, कैप्टन (रिटा.) दिगेंद्र कुमार और अन्य के ख़िलाफ़ एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था. कालीचरण पर महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं.
घटना कठुआ की है, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है. इसमें देखा जा सकता है कि दो लोग पादरी पर दबाव डाल रहे हैं कि वे 'जय श्री राम' बोलें. इसके साथ ही वे यह आरोप भी लगा रहे थे कि यह पादरी धर्मांतरण कराने में लगे हुए थे. इस आरोप को पुलिस और पीड़ित दोनों ने ख़ारिज किया है.
हरिद्वार में कई अखाड़ों ने मिलकर 28 दिसंबर को 21 धार्मिक नेताओं की एक कोर समिति का गठन किया है. धार्मिक नेताओं ने बताया कि उन्होंने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में बदलने के अपने अभियान को तेज़ करने का भी फ़ैसला किया है. अब आगे इस तरह की तीन और धर्म संसद अलीगढ़, कुरुक्षेत्र और शिमला में होंगी.
धार्मिक नेता कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं. पुणे पुलिस ने एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कालीचरण, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे और चार अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. एकबोटे भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं.
वीडियो: मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले के गंज बासोदा स्थित सेंट जोसेफ हाई स्कूल में बीते छह दिसंबर को जब 12वीं कक्षा के छात्र स्कूल में परीक्षा दे रहे थे, उसी समय बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े करीब 300 लोग परिसर में घुस आए. इन लोगों का आरोप था कि स्कूल में हिंदू बच्चों का जबरन धर्मांतरण कर उनसे ईसाई धर्म स्वीकार कराया जा रहा है.
वीडियो: राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में बने एक चर्च में बीते दिनों कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की. बताया जा रहा है कि ये लोग कथित तौर पर बजरंग दल से जुड़े हुए हैं. पिछले 11 महीनों में हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा ईसाई समुदाय के खिलाफ 300 से अधिक हमले हुए हैं. द वायर ने इन हमलों और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों के बारे में ईसाई समुदाय और दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्यों से बातचीत की.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.