ईद मुबारक के जवाब में अक्षय तृतीया या परशुराम जयंती की बधाई देना कैलेंडरवादी धार्मिकता का प्रतीक है. हम हर जगह अपना क़ब्ज़ा चाहते हैं. ध्वनिभूमि पर, ध्वनि तरंगों पर भी, दूसरों के उपासना स्थलों पर और समाज के मनोलोक पर.
आगरा में हिंदुत्ववादी संगठनों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी क्रिसमस के मौक़े पर बच्चों और ग़रीबों को अपने धर्म की ओर आकर्षित करने के लिए सैंटा क्लॉज़ के ज़रिये से उपहार दिलवाकर ईसाई धर्म का प्रसार करते हैं. वहीं, असम के सिलचर में भगवा पहने युवाओं ने यह मांग करते हुए क्रिसमस कार्यक्रम में ख़लल डाला कि हिंदुओं को इस जश्न से दूर रहना चाहिए.
यह घटना गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में हुई, जहां कुछ लोग क्रिसमस मना रहे थे. दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी व्यक्तियों ने बच्चों के सामने ही कार्यक्रम में बाधा डाली और लोगों को धमकाया.
घटना मांड्या ज़िले में 23 दिसंबर को हुई, जहां हिंदू जागरण वेदिक के सदस्य कथित तौर पर निर्मला इंग्लिश हाईस्कूल एंड कॉलेज में घुसे और वहां के कर्मचारियों को धमकी दी. स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने परिसर में सरस्वती की तस्वीर लगाने और स्कूल के मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने को कहा है.
असम के कछार ज़िले में बजरंग दल के प्रभारी मिथुन नाथ आरोप है कि उन्होंने संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था कि क्रिसमस के दौरान किसी भी हिंदू को चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसका पालन नहीं करने वालों को ख़ामियाजा भुगतना होगा.
पश्चिम बंगाल सरकार ने परेड के लिए अपनी झांकी का विषय ‘एकता ही भाईचारा’ रखने का प्रस्ताव दिया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, शायद इसीलिए हमें बाहर कर दिया गया.
धमकी पर पैरेंट्स एसोसिएशन के संयोजक ने कहा कि बच्चों को विभिन्न धर्मों की जानकारी देने में स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे में हिंदू जागरण मंच की धमकी चिंतनीय.