उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले का मामला. पादरी पर दलित समाज के लोगों को धर्म परिवर्तन का उपदेश देने के आरोप लगा था. पुलिस ने बताया कि बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्रदेश के बलिया ज़िले में ऐसी ही एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है.
बरेली: उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के पटवाई थाना क्षेत्र के सोहना गांव में क्रिसमस के मौके पर दलित समाज के लोगों को एकत्र कर धर्म परिवर्तन का उपदेश देने के आरोप में एक पादरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.
इसके अलावा प्रदेश के बलिया में दलित वर्ग के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित कराने के कथित प्रयास में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
रामपुर पुलिस ने बताया कि पादरी पोलूस मसीह को रविवार देर रात गिरफ्तार किया गया. यादव ने पुलिस को दी गई तहरीर में पादरी पर गांव के अनुसूचित जाति (दलित समाज) के लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में पादरी के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा तीन एवं पांच (एक) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) डॉ. संसार सिंह ने बताया कि पटवाई थाना प्रभारी हरेंद्र यादव को सूचना मिली थी कि सोहना गांव में सिविल लाइन थाना क्षेत्र का निवासी एक पादरी पोलूस मसीह अनुसूचित जाति के लोगों को इकट्ठा कर उनको धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहा है.
एएसपी ने बताया कि शिकायत पर थानाध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पादरी को गिरफ्तार कर लिया और विधिक प्रक्रिया पूरी कर उसको जेल भेज दिया.
अमर उजाला के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि रविवार को सोहना गांव में टेंट लगाकर तकरीबन 100 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. धर्म परिवर्तन कराए जाने की जानकारी मिलने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पहुंच गए थे. इस मामले में बजरंग दल के प्रखंड अध्यक्ष राजीव कुमार यादव ने पादरी पोलूस मसीह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया है.
बलिया से मिली खबर के अनुसार, जिले के सिकंदरपुर थाना अंतर्गत मालदह पुलिस चौकी के प्रभारी शिवमूर्ति तिवारी ने सोमवार को बताया कि थाना क्षेत्र के तिलौली गांव में रविवार को पुलिस ने राम निवास नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि राम निवास पर रविवार को धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास करने के मामले में लोक शांति भंग करने के आरोप में कार्रवाई की गई है.
तिवारी ने बताया कि आरोपी गांव के दलित वर्ग के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने का प्रयास कर रहा था और इसके लिए बहुत दिनों से पूजा आदि के जरिये प्रयास कर रहा था.
मालूम हो कि इससे पहले रामपुर जिले की एक अन्य घटना में मिलक कोतवाली क्षेत्र में बरगला कर धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से 30-40 लोगों को बस से दिल्ली ले जाने की कोशिश करने के आरोप में शिवदेश के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
बीते 24 दिसंबर की रात हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बस को रोककर हंगामा किया था. पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष संजीव गुप्ता की शिकायत पर आरोपी शिवदेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, बीते 21 दिसंबर को इसी तरह के एक अन्य मामले में सीतापुर पुलिस ने राज्य में कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कराने के एक मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
पुलिस ने कहा था कि दो भारतीयों और ब्राजील के चार नागरिकों ने शाहबाजपुर गांव में एक कार्यक्रम आयोजित किया था और कथित तौर पर लोगों को धर्म बदलने का लालच दिया था.
बीते 23 दिसंबर को प्रदेश के प्रमुख अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक करने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था, ‘आगामी 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार है. सभी धर्मगुरुओं के साथ संवाद बनाते हुए शांतिपूर्ण माहौल के बीच क्रिसमस आयोजन मनाने की व्यवस्था हो. यह सुनिश्चित किया जाए, कहीं भी धर्मांतरण की घटना न होने पाए.’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी रविवार को क्रिसमस पर्व की शुभकामना देते हुए कहा था, ‘जबरन हर चीज बुरी होती है और बुरी नीयत से धर्म बदलना और बदलवाना दोनों गलत है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)