मणिपुर के राज्यपाल ने राज्य में स्थानीय अधिकारियों को दिए एक आदेश में कहा कि लोगों द्वारा ज़िलों और यहां तक कि संस्थानों का नाम बदलने या इसकी कोशिश करने की घटनाएं देखी गई हैं, जिससे पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मेईतेई के बीच तनाव बढ़ सकता है. यह चलन बंद होना चाहिए.
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, घटना चूड़ाचांदपुर ज़िले में 3 मई को घटित हुई थी. पीड़िता ने 9 अगस्त को बिष्णुपुर थाने में जीरो एफआईआर में दर्ज कराई है, जिसे चूड़ाचांदपुर स्थानांतरित कर दिया गया है.
मणिपुर हिंसा में जान गंवाने वालों में कुकी लोगों की संख्या दो तिहाई, 181 मृतक में 113 कुकी: रिपोर्ट
एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करके बताया गया है कि मणिपुर में बीते 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में 181 लोग मारे गए हैं, जिनमें कुकी लोगों की संख्या 113 है, जबकि मेईतेई समुदाय के मृतकों की संख्या 62 है. मई की शुरुआत में हिंसा के पहले सप्ताह में 10 मेईतेई लोगों की तुलना में 77 कुकी लोग मारे गए थे.
मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के तोरबुंग बाज़ार में सशस्त्र उपद्रवियों ने कम से कम 10 ख़ाली घरों और एक स्कूल को जला दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की और देसी बम फेंके थे.
अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर ज़िले में शुक्रवार को हुईं अलग अलग घटनाओं में संदिग्ध उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मणिपुर पुलिस कमांडो की मौत हो गई, चुराचांदपुर ज़िले की सीमा से लगे तीन गांवों में किशोर समेत तीन लोगों की जान चली गई है.
वीडियो: मई महीने की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद मणिपुर में हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं, सैकड़ों को अपना घर छोड़ना पड़ा. ऐसे हालात में चूड़ाचांदपुर की एक चर्च विस्थापित हुए कुकी समुदाय लोगों की पनाह बनी है, जहां हिंसा से प्रभावित हुए करीब तीन सौ लोग रह रहे हैं.
मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने एक आदेश में कहा है कि हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद भी राज्य की जेलों में रखे गए म्यांमार के शरणार्थियों को तत्काल रिहा किया जाए और राज्य सरकार उन्हें उनके देश निर्वासित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष यह मामला उठाए.
मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनके संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे. बीते 3 मई को मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान राज्य में हिंसा भड़क गई थी.
मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.
म्यांमार के 29 नागरिकों को कथित तौर पर बिना उचित दस्तावेज़ों के मणिपुर में प्रवेश करने के लिए एक महीने पहले गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो महिलाओं की हिरासत के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण मौत हो गई है. मणिपुर एडीजीपी (जेल) ने कहा है कि क़ैदियों की बेहतर तरीके से देखभाल की गई थी. एक अधिकार समूह ने मामले की जांच की मांग की है.
मणिपुर के चूराचांदपुर ज़िले का मामला. घटना में घायल कॉन्स्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
साल 2015 में मणिपुर के चूराचांदपुर में सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस फायरिंग में इनकी मौत हो गई थी.
मणिपुर में मार्च में बनी भाजपा सरकार के साथ प्रदर्शनकारियों के समझौते में लाशों का दफनाने पर सहमति बन गई है.
मणिपुर के चूराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में पिछले करीब 550 दिनों से आठ लाशें दफनाए जाने का इंतजार कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा है.