पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद को 14 सितंबर और छात्र शरजील इमाम को 25 अगस्त को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था.
ठाकुरगंज के रहने वाले 16 साल के हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था. हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था.
पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता को दिल्ली दंगों के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था. सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी.
यह मुद्दा तब गरमाया है जब कुछ लोगों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर इचामाती में स्थानीय लोगों द्वारा बंगालियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इस गांव में अधिकांश ग़ैर आदिवासी बंगाली हैं. फरवरी में सीएए को लेकर खासी समूह और ग़ैर आदिवासियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में छात्र संगठन का एक सदस्य मारा गया था. शिलॉन्ग: मेघालय के एक प्रभावशाली छात्र संगठन ने बैनर लगाया है,
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट ने भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है. उनकी टिप्पणी पर भारत की ओर से कहा गया है कि मानवाधिकार के नाम पर क़ानून का उल्लंघन माफ़ नहीं किया जा सकता.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए नागरिकता संशोधन क़ानून के एक बड़ा चुनावी मुद्दा होने की ओर इशारा करते हुए सिलीगुड़ी में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी इस कानून को लागू करने लिए प्रतिबद्ध है.
जो लोग ये कहते हैं कि अगर निर्दोष होगा तो अपने आप बाहर आ जाएगा, उनको मैं कह दूं, क्यों न आपको साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए? क्यों न देश के हर नागरिक को 18 साल का होते ही साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए. हम सब निर्दोष हैं, बाहर आ ही जाएंगे
दिल्ली पुलिस ने दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया था, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई थी. पिछले दिनों अदालत में दाख़िल पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई थी.
केंद्र एवं राज्य सरकारों में काम कर चुके पूर्व लोक सेवकों के एक समूह ‘कॉन्स्ट्यूटिशनल कंडक्ट ग्रुप’ द्वारा गठित इस समिति के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर हैं. यह दिल्ली दंगों के संबंध में सरकार, पुलिस और मीडिया की भी भूमिका की जांच करेगी.
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने पांच अक्टूबर को ऐसे सात वीडियो क्लिप दिल्ली पुलिस को सौंपे हैं, जिसमें से कुछ में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दो पुलिसकर्मी कथित दंगाइयों के साथ मिलकर ईंट और अंडे फेंक रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिल्ली दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया है, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई है. पिछले दिनों दायर पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई है.
दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ सौ दिन तक चले प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, विरोध और असहमति व्यक्त करने का अधिकार संविधान से मिलता है लेकिन कुछ कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी के साथ.
अदालत में दाख़िल दिल्ली पुलिस की एक चार्जशीट के अनुसार, ‘हिंदू कट्टर एकता’ नाम का वॉट्सऐप ग्रुप कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से बदला लेने के लिए 25 फरवरी को बनाया गया था.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिल्कीस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को याद कर रही हैं.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिलकिस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है.