बीते 16 अगस्त को फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संचालन में तीसरे पक्ष का अनावश्यक दख़ल होने का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. फीफा को महासंघ का संचालन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति द्वारा करने से आपत्ति थी, जिसे भंग कर दिए जाने के बाद प्रतिबंध हटा है.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संचालन में तीसरे पक्ष का अनावश्यक दख़ल होने का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगाया है. इसकी शुरुआत महासंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के अपना तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में समाप्त होने के बावजूद पद नहीं छोड़ने से हुई और अब उसका सबसे बुरा परिणाम भारत पर फीफा प्रतिबंध के रूप में सामने आया है.
विश्वकप खेल रहे भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर सेना के प्रतीक चिह्न पर आपत्ति जताते हुए आईसीसी ने बीसीसीआई से इन्हें हटवाने को कहा था लेकिन अब बीसीसीआई ने साफ किया है कि यह चिह्न सेना से जुड़ा हुआ नहीं है.
लोढ़ा कमेटी के मुताबिक दोनों को पद छोड़ देना चाहिए, लेकिन एसोसिएशन में शाह परिवार का दबदबा कायम है.