बहुत साल पहले पाकिस्तान की कवियित्री फ़हमीदा रियाज़ ने लिखा था कि 'तुम बिल्कुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छुपे थे भाई. वो मूरखता वो घामड़पन, जिसमें हमने सदी गंवाई, आख़िर पहुंची द्वार तुम्हारे... देश के आज के हालात में ये पंक्तियां सच के काफ़ी क़रीब नज़र आती हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए 30 दिन पहले नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन कराना स्वतंत्रता और निजता के मूल अधिकार का उल्लंघन है. अब से नोटिस का प्रकाशन विवाह के इच्छुक पक्षों के लिए वैकल्पिक होगा.
जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अंतरधार्मिक विवाह करने वाले युवक-युवती के संबंध में कहा कि इस अदालत ने कई बार यह व्यवस्था दी है कि जब दो बालिग व्यक्ति एक साथ रह रहे हों, तो किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में दख़ल देने का अधिकार नहीं है.
भारत में एक नया रैडिकलाइजेशन शक्ल ले चुका है. इसे रोज़मर्रा का आतंकवाद कह सकते हैं. इसकी ख़ासियत यह है कि इसे 'इस्लामी आतंकवाद' से ठीक उलट हिंदुओं में व्यापक समर्थन प्राप्त है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पत्थरबाज़ों और सार्वजनिक या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को सज़ा दिलाने के साथ-साथ उनसे नुकसान की वसूली करने के लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही सख़्त क़ानून बनेगा.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले का मामला. 22 वर्षीय युवक पर एक दलित युवती का अपहरण और बलात्कार करने का आरोप है. पुलिस ने अपहरण, बलात्कार और नए धर्मांतरण रोधी कानून से संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर युवक को बीते 10 दिसंबर को गिरफ़्तार किया था.
आरोप है कि उज्जैन के बेग़म बाग इलाके में भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली में कथित तौर पर सांप्रदायिक नारे लगाने के कारण कुछ लोगों ने पत्थबाज़ी कर दी थी. मध्य प्रदेश में कट्टरवादी हिंदू समूहों द्वारा ऐसी रैलियों के दौरान कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. ये रैलियां राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जमा करने के उद्देश्य से निकाली जा रही हैं.
उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता क़ानून 2018 लागू होने के बाद से राज्य में तथातकथित धर्म परिवर्तन का यह पहला मामला है. मामला तब सामने आया जब मुस्लिम युवक ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई थी. मुस्लिम महिला द्वारा धर्म परिवर्तन कर विवाह करने के एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को सुरक्षा देने का पुलिस को निर्देश दिया है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और स्वामी विवेकानंद, सभी ने संयुक्त बंगाली संस्कृति की चाहत और पैरवी की थी और उनके सामाजिक लक्ष्य में एक समुदाय को दूसरे समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काने की कोई जगह नहीं है.
इन 14 दर्ज मामलों में से 13 में आरोप लगाया गया है कि हिंदू महिला को इस्लाम क़बूलने के लिए मजबूर किया गया है. इसमें से सिर्फ़ दो मामलों में ही संबंधित महिला ने शिकायत दर्ज कराई है, बाकी के 12 मामलों में लड़की के परिजनों ने केस दर्ज कराया है.
बिहार में भाजपा के सहयोगी दल जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा कि समाजवादियों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के दिनों से ही वयस्कों के विवाह के अधिकार को बरक़रार रखा है, चाहे वह किसी भी जाति और संप्रदाय में हो.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह करने वाले युवक-युवती को एक साथ रहने की मंज़ूरी देते हुए कहा कि महिला अपने पति के साथ रहना चाहती है. वह किसी भी तीसरे पक्ष के दख़ल के बिना अपनी इच्छा के अनुसार रहने के लिए स्वतंत्र है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू किए एक महीने हो चुके हैं. इसके तहत शादी के लिए छल-कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है. उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां ये ऐसा क़ानून लागू हुआ है.
यूपी के बिजनौर ज़िले की घटना. 14 दिसंबर को नाबालिग दलित लड़की एक दोस्त के साथ रात में अपने एक अन्य दोस्त की जन्मदिन पार्टी से पैदल घर लौट रही थी कि कुछ लोगों ने कथित तौर पर इन दोनों का पीछा किया और इनकी डंडों से पिटाई की.