जनता एनपीए विवाद में उसी तरह उल्लू बन रही है जैसे हिंदू-मुस्लिम डिबेट में बनती है

अगर यह राजनीतिक विवाद किसी भी तरह से आर्थिक अपराध का है तो दस लाख करोड़ रुपये लेकर फरार अपराधियों के नाम लिए जाने चाहिए. किसके राज मे लोन दिया गया यह विवाद है, किसे लोन दिया गया इसका नाम ही नहीं है.

एनपीए को लेकर यूपीए और एनडीए की नीतियां और नीयत एक जैसी है

कुछ अमीर उद्योगपति और अमीर होते रहें, जनता हिंदू-मुस्लिम करती रहे, इसलिए कांग्रेस भी नहीं बताती है कि वह जब सत्ता में आएगी तो उसकी अलग आर्थिक नीति क्या होगी. भाजपा भी यह सब नहीं करती है जबकि वह सत्ता में है.

रघुराम राजन ने पीएमओ को दी थी एनपीए से जुड़े घोटालेबाज़ों की सूची, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई

संसद की प्राक्कलन समिति को भेजे पत्र में आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने उन तरीक़ों के बारे में बताया है जिनके ज़रिये बेईमान बिज़नेस घरानों को सरकार और बैंकिंग व्यवस्था से घोटाला करने की खुली छूट मिली.

क्या गाय के नाम पर मुस्लिमों के साथ हिंसा मोदी राज की देन है?

गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.

एक और भारत बंद, मनमोहन सिंह ने कहा- जल्द आएगा मोदी सरकार को बदलने का वक़्त

पेट्रोल-डीज़ल-गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और रुपये में गिरावट के विरोध में कांग्रेस की ओर बुलाया गया है भारत बंद. बिहार में वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया. कांग्रेस शासित मिज़ोरम में पार्टी बंद में शामिल नहीं हुई.

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की बस पर पथराव: गवाह का दावा- पुलिस ने झूठी गवाही देने का दबाव बनाया

मध्य प्रदेश के सीधी में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बस पर हुआ था पथराव. पुलिस द्वारा गवाह बनाए गए संदीप चतुर्वेदी का कहना है, ‘मैंने जब पुलिस को बताया कि मैं आरोपियों को नहीं जानता तो पुलिसवालों ने मुझे पीटा और जबरदस्ती बयान लिया.’

क्या सवर्ण आंदोलन ​के बाद पलटी हवा से मध्य प्रदेश में शिवराज का दम फूल रहा है?

एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन का विरोध देश के कई हिस्सों में हो रहा है लेकिन चुनावी मुहाने पर खड़े मध्य प्रदेश में इसकी व्यापकता अधिक है. भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं को राज्य में जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

क्या पिछले दरवाज़े से ईशनिंदा क़ानून को प्रवेश दिलाकर भारत भी पाकिस्तान के नक़्शे क़दम पर है?

पिछले दिनों पंजाब कैबिनेट ने धार्मिक ग्रंथों का अनादर करने के दोषियों को उम्रक़ैद की सज़ा देने के लिए भारतीय दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता में संशोधनों के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे को मंज़ूरी दी है.

तेलंगाना की पहली विधानसभा भंग, के. चंद्रशेखर राव कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे

विधानसभा का चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ निर्धारित है लेकिन माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ टीआरएस दोनों चुनाव अलग-अलग कराये जाने में राजनीतिक लाभ देख रही है.

क्या मोदी-शाह की जोड़ी नितिन गडकरी को दरकिनार कर रही है?

बेस्ट ऑफ 2018: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपना अमेरिका, कनाडा और इज़राइल दौरा आख़िरी समय पर रद्द कर दिया, जहां वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा करने वाले थे.

वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा में सरकारी कार्यक्रमों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने यह आदेश दो जनहित याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिया है. इनमें राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर गौरव यात्रा के ज़रिये सरकारी ख़र्च पर पार्टी का प्रचार करने का आरोप लगाया गया था.

चिदंबरम का सवाल, मई 2014 के बाद से कितना कर्ज दिया गया, जो एनपीए बन गया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को एनपीए के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

2014 में भाजपा की जीत के बाद से चुनावी राजनीति में ‘सांप्रदायिक आपातकाल’ की स्थिति है

2014 के पहले तक ‘राजनीतिक बहुमत’ और ‘सांप्रदायिक बहुमत’ के बीच की खाई औपचारिक रूप से बनी रही. ज़मीन पर जो भी हालात रहे हों लेकिन चुनाव एक भ्रम पैदा करने वाले एक मुखौटे के रूप में काम करते रहे. लेकिन केंद्र में भाजपा के आने के बाद यह मुखौटा भी उतर गया.

प्रधानमंत्री जवाब दें कि उन्होंने अर्थव्यवस्था की धज्जियां क्यों उड़ाईं?: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने 15-20 पूंजीपतियों के लिए नोटबंदी की थी. यह ग़लती नहीं बल्कि छोटे उद्योगों और छोटे व्यापारियों पर हमला था.

देश में संविधान लागू है और क़ानून अपना काम कर रहा है

रोजगार नहीं है. उत्पादन घट गया है. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा है. हेल्थ सर्विस चौपट हो चली है. शिक्षा-व्यवस्था डांवाडोल है. मुस्लिम ख़ामोश हो गया है. दलित चुपचाप है लेकिन आवाज़ नहीं उठनी चाहिए क्योंकि देश में क़ानून अपना काम कर रहा है.

1 225 226 227 228 229 276